नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दावा किया था कि 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारी गड़बड़ी हुई है। उन्होंने कहा था कि “लाखों वोट चोरी हुए” और इसी वजह से कांग्रेस की अप्रत्याशित हार हुई।
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि कई वोटरों ने एक से अधिक बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। कुछ वोटर लिस्टों में दूसरों के नाम पर किसी और व्यक्ति की फोटो लगी हुई थी। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए एक महिला की तस्वीर भी दिखाई और दावा किया कि वह महिला वोटर लिस्ट में 223 बार दर्ज है।
अब, चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के इन आरोपों पर फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन इंडियन एक्सप्रेस ने ज़मीन पर जाकर पड़ताल की। जिस महिला का जिक्र राहुल गांधी ने किया था, वह हरियाणा के अंबाला जिले की रहने वाली हैं। उनका नाम चरणजीत कौर (75) है। जांच में सामने आया कि उन्होंने सिर्फ एक बार ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
जब इंडियन एक्सप्रेस की टीम गांव पहुंची, तो यह बात सच निकली कि चरणजीत कौर की तस्वीर 255 वोटरों की लिस्ट में दोहराई गई थी। यह गड़बड़ी बूथ नंबर 63 और 65 पर देखने को मिली, जहां कुल मिलाकर लगभग 2,117 वोटर हैं।
हालांकि स्थानीय लोगों के लिए यह कोई नई समस्या नहीं थी। पिछले एक दशक से वे इस परेशानी से जूझ रहे हैं। स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी भी दी गई थी, लेकिन अब तक सुधार नहीं हुआ।
गांव के किसान लखविंदर सिंह बताते हैं, “मेरी वोटर आईडी पर मेरी असली तस्वीर है, लेकिन वोटर लिस्ट में मेरी जगह चरणजीत कौर की फोटो लगी है। यही हाल मेरे परिवार के 10 सदस्यों का भी है।” वह आगे कहते हैं, “जब भी वोट डालने जाता हूं, फोटो मैच न होने पर आपत्ति होती है। फिर मुझे अपना आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आईडी दिखाकर साबित करना पड़ता है कि मैं ही असली वोटर हूं।”
जांच में यह भी सामने आया कि चरणजीत कौर की तस्वीर लखविंदर सिंह, उनके भाई लखमीर सिंह, सुखविंदर सिंह, और परिवार के अन्य सदस्य — रणजीत सिंह, करमजीत कौर, स्वर्ण कौर, गुरविंदर कौर, सुरजीत कौर, कमलजीत सिंह, परमजीत और जसजीत सिंह — के नामों के साथ भी लगी हुई थी।
इसी तरह, तेजिंदर सिंह नामक एक ग्रामीण ने बताया कि उनके परिवार के तीन सदस्यों के साथ भी यही समस्या है। वह कहते हैं, “2022 के सरपंच चुनाव में जब हम वोट डालने पहुंचे, तो पोलिंग एजेंट ने कहा कि हमारी तस्वीर लिस्ट में दी गई फोटो से मेल नहीं खाती। बहुत समझाने के बाद हमें वोट डालने दिया गया।” तेजिंदर सिंह ने यह भई बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव में उनके परिवार के चार में से तीन सदस्यों ने वोट किया था।
पड़ताल में यह भी सामने आया कि 74 वर्षीय ज्योति राम और उनकी बहू रोमा देवी की वोटर लिस्ट में भी चरणजीत कौर की फोटो लगी है।
ज्योति कहती हैं, “स्थानीय चुनावी एजेंट हमें जानते हैं, इसलिए हमें वोट डालने में परेशानी नहीं होती, लेकिन गलती तो बनी हुई है।” चरणजीत कौर खुद कहती हैं, “हर बार जब मैं वोट डालने जाती हूं, अधिकारी हंसते हैं। मैंने कई बार कहा कि ये मेरी गलती नहीं है कि मेरी तस्वीर हर जगह दिख रही है, पर किसी ने अभी तक सुधार नहीं किया।”
गांव की सरपंच सोनिया देवी के पति देवेंद्र सिंह बताते हैं, “यह पूरी तरह पब्लिकेशन की तकनीकी समस्या है। अगर फर्जी वोटिंग होती, तो 2024 के चुनाव में कांग्रेस को हमारे गांव से डेढ़ सौ वोटों की बढ़त कैसे मिलती?”
2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वरुण चौधरी ने यहां से जीत दर्ज की थी, जबकि विधानसभा चुनाव में उनकी पत्नी पूजा चौधरी विजयी रहीं। इस बारे में कांग्रेस नेता वरुण चौधरी ने कहा, “ऐसी वोटर लिस्ट का होना बेहद गंभीर मामला है। यह चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। आयोग को तुरंत सुधार के कदम उठाने चाहिए ताकि जनता का भरोसा कायम रहे।”
लखबीर सिंह के बेटे रणजीत सिंह बताते हैं कि उनके परिवार के 11 सदस्य अभी भी इस फोटो-मिसमैच समस्या से परेशान हैं। उन्होंने बताया कि “2022 के पंचायत चुनाव से पहले हमने BDPO ऑफिस के बाहर धरना भी दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
बूथ लेवल ऑफिसर अरविंद अग्रवाल, जिन्होंने हाल ही में पदभार संभाला है, कहते हैं, “यह गड़बड़ी पुराने समय की है। मैं अब खुद हर घर जाकर दस्तावेज़ चेक करूंगा और रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजूंगा ताकि फोटो मिसमैच की समस्या का स्थायी समाधान निकले।”
गांव के एक और निवासी गुरदीप सिंह, जिनकी मां करमजीत कौर 2005 से 2009 तक सरपंच रहीं, बताते हैं, “उनके कार्यकाल में वोटर लिस्ट में ऐसी कोई हेराफेरी नहीं होती थी।”
इलेक्शन डिपार्टमेंट के एक सूत्र के अनुसार, “2022 में इस तरह की शिकायतें मिली थीं। तब कुछ तस्वीरें ठीक की गई थीं। यह समस्या तब होती है जब वोटर लिस्ट की पीडीएफ फाइल करप्ट हो जाती है।”
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