उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार (14 जून) को लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में एलान किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में वह और उनके परिवार के लोग किन-किन सीटों पर उमीदवार होंगे। वर्तमान में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव यूपी के कन्नौज से सांसद हैं लेकिन पूर्व सीएम ने कहा कि अगले आम चुनाव में वह उस सीट से नहीं लड़ेंगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अखिलेश यादव ने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में कन्नौज से वह खुद चुनाव लड़ेंगे और उनके पिता मुलायम सिंह यादव मैनपुरी सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे। अखिलेश यादव ने कहा, “मैं कन्नौज से चुनाव लड़ूंगा जबकि नेता जी मैनपुरी से।” उन्होंने आगे कहा, ”विरोधियों ने हमारी पार्टी पर भाई-भतीजावाद के आरोप लगाए हैं, इसी वजह से इस बार मेरी पत्नी चुनाव नहीं लड़ेंगी।” गठबंधन में सीट शेयरिंग के प्रश्न पर अखिलेश ने कहा कि उनका लक्ष्य बीजेपी को धूल चटाना है और पार्टी कार्यकर्ता यह सुनिश्चित करेंगे।
अखिलेश यादव ने शक जताते हुए ऐसे लोगों से बचकर चुनाव लड़ने की रणनीति की चर्चा की, जो किसी से पैसे लेकर उन्हें समर्थन की बात कर रहे थे और वे उजागर हो गए। उन्होंने सरकार पर कुछ भी न करने का आरोप लगाया। जनवरी में पार्टी के दिवंगत विचारक जनेश्वर मिश्रा की पुण्यतिथि के मौके पर अखिलेश यादव ने कहा था कि समाजवादी पार्टी यादवों के गढ़ सेंट्रल यूपी के जिलों मैनपुरी, इटावा, कन्नौज और फिरोजाबाद पर अपनी पकड़ फिर बनाने की सोच रही है। इस बार पूर्व सीएम के लिए कन्नौज को जीतना आसान नहीं होगा।
2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने पांच में से चार सीटें गंवा दी थीं और उसने केवल कन्नौज सिटी वाली सीट जीती थी, जिसमें जीत का अंतर भी बहुत कम महज 2400 वोटों का रहा था। इसी प्रकार 2014 में कन्नौज लोकसभा सीट पर अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव ने भी बहुत कम वोटों 19,000 के अंतर से जीत दर्ज की थी, जबकि राज्य में उस वक्त समाजवादी पार्टी की सरकार थी। बता दें कि अखिलेश यादव पहली बार कन्नौज से ही सांसद बने थे और वह इस सीट से तीन बार सांसद रह चुके हैं।