Verdict in 16 Year Old Fake Encounter Case: गाजियाबाद (Ghaziabad) की एक विशेष सीबीआई कोर्ट (Special CBI Court) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के एटा (Etah) में लगभग 16 साल पहले हुए एक फर्जी एनकाउंटर (Fake Encounter) मामले में तत्कालीन पुलिस स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) सहित नौ पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया। पूर्व एसएचओ पवन सिंह, श्री पाल सिंह ठेनुआ, राजेंद्र प्रसाद, सरनाम सिंह और मोहकम सिंह समेत सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा और 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
Police ने डकैत बताकर किया था Fake Encounter
वहीं इस मामले में अन्य आरोपियों बलदेव प्रसाद, सुमेर सिंह, अजय कुमार और अवधेश रावत को आईपीसी की धारा 34 के तहत जानबूझकर सबूत मिटाने के लिए 5 साल की कैद और 11,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। सुनेहरा गांव निवासी बढ़ई राजाराम 18 अगस्त 2006 को कथित मुठभेड़ में मारा गया था। सिद्धपुरा थाने में तैनात आरोपी पुलिसकर्मियों ने उसे डकैत बताकर फर्जी मुठभेड़ में मार डाला था। पुलिस ने उस वक्त दावा किया था कि राजाराम उस रात को भी डकैती की वारदात करने के लिए जा रहा था।
Police ने किया था Fake Encounter
पुलिस ने फर्जी एनकाउंटर में राजाराम बढ़ई की हत्या करने के बाद उसकी लाश को अज्ञात दिखाया था। आपको बता दें कि राजाराम पर एक भी केस दर्ज नहीं था। पुलिस ने उसपर डकैत होने का आरोप लगाकर उसका एनकाउंटर कर दिया था। सिढ़पुर थानाक्षेत्र में ये एनकाउंटर किया गया था जो कि आज की तारीख में ये थाना कासगंज जिले में आता है।
Rajaram की पत्नी ने Police के खिलाफ लड़ा केस
फर्जी एनकाउंटर में मारे गए राजाराम की पत्नी संतोष कुमारी ने इस को लड़ा और आखिर में हाईकोर्ट ले जाकर केस में जीत भी हासिल की। संतोष कुमारी ने हाईकोर्ट को इस मामले की पूरी कहानी बयां की। अखबारों में छपी एनकाउंटर में मारे गए शख्स की तस्वीर देखकर संतोष कुमारी ने पहचाना कि ये तो उनके पति राजाराम हैं। तब उन्होंने पुलिस टीम के खिलाफ मुकदमा किया और तब से लेकर न्याय मिलने तक वो लगातार इस मुकदमे को लड़ती रही।
जानिए क्या था पूरा मामला (Know Story of Fake Encounter)
18 अगस्त साल 2006 को फर्जी एनकाउंटर में मारे गए राजाराम की पत्नी संतोष कुमारी ने बताया कि बहन राजेश्वरी की तबीयत खराब हो गई थी। उसके इलाज के लिए पूरा परिवार राजेश्वरी को लेकर एक दूसरे गांव पहलोई में डॉक्टर के पास जा रहा था। इसी दौरान लगभग दोपहर के तीन बजे पहलोई और ताईपुर गांव के बीच ईंट भट्ठे के पास सिढ़पुरा थाने के थानाध्यक्ष पवन सिंह, सब इंस्पेक्टर श्रीपाल ठेनुआ, अजंत सिंह, कॉन्स्टेबल सरनाम सिंह, राजेंद्र कुमार आदि अपनी जीप से पहुंचे। इन लोगों ने राजाराम को अपनी जीप में बैठा लिया और कहा की किसी केस के मामले में पूछताछ करने के लिए ले गए हैं।
News Paper में छपी तस्वीर के आधार पर की पहचान
अगली सुबह जब राजाराम घर नहीं पहुंचा तो पत्नी संतोष कुमारी पुलिस थाने पहुंची और अपने पति के बारे में पूछा तो थाने पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बताया कि वो तो घर जा चुके हैं इसके बाद 20 अगस्त 2006 को अखबारों में खबर आती है कि पुलिस ने सुनहरा गांव के पास एक एनकाउंटर किया है जिसमें एक अज्ञात शख्स को मार गिराया। जब इस मृतक शख्स की फोटो राजाराम की पत्नी ने देखी तो वो पहचान गई कि ये तो उसका पति राजाराम है। इसके बाद उसकी पत्नी लगातार केस लड़ती रही।