झारखंड के गिरडीह जिला में कोंकण नदि पर बने नहर के तटबंध के टूट जाने से इलाके के छह गावों में पानी भर गया है। यह वहीं तटबंध है जिसका उदघाटन सीएम रघुबीर दास ने किया था। बता दें कि सीएम ने कोंकण नदी सिंचाई परियोजना का इस उद्घाटन किया था। वहीं अधिकारियों ने दावा किया कि इसके गिरने के पीछे चूहों का हाथ है। गौरतलब है कि इसके टूटने के बाद संबंधित अधिकारियों को 24 घंटों के अंदर रिपोर्ट जमा करने को कहा है। बताया जा रहा है कि यह प्रोजेक्ट करीब 42 साल से अधूरा था जिसके अब बन जाने से कई गांवों का फायदा होगा।
क्या है मामलाः बता दें कि बुधवार (28 अगस्त) की रात को सीएम दास के उद्घाटन के कुछ ही घंटों के बाद नहर का तटबंध टूट गया था। जिसके कारण आस पास के करीब छह गांवों में पानी भर गया था। प्रतापुर, खटईया के साथ अन्य गांवों में भी पानी चला गया था। इस घटना के बाद पानी के बहाव को रोक दिया गया था। इस प्रोजेक्ट के तहत 7 किमी का सुरंख और 103 किमी का नहर बनाया गया था। अधिकारियों के अनुसार 25 से 30 फीट का कच्चा तटबंध के टूट जाने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस कच्चा तटबंध के टूटने के पीछे अधिकारियों का दावा है कि चूहों के जमीन में छेद करने के वजह से यह हादसा हुआ है। वहीं अधिकारियों का यह भी मानना है कि पानी के बहाव में तेजी भी इस हादसा का कारण हो सकता है।
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विपक्ष ने साधा निशानाः हजारीबाघ जिले में इस प्रोजेक्ट का उद्धघाटन करते हुए सीएम दास ने कहा, ‘करीब 42 साल के लंबे इंतजार के बाद यह प्रोजेक्ट का उद्धघाटन हुआ है। अब 85 गांवो के लोग इसका फायदा उठा सकते हैं। हजारीबाघ, गिरडीह और बोकारो में अब पानी की किल्लत नहीं होगी।’ बता दें कि इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए करीब 2176 करोड़ रुपए की लागत आई है। वहीं विपक्ष इस मुद्दे का फायदा उठाकर सरकार को घेर रही है। विपक्ष नेता हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा, ‘यह प्रोजेक्ट 12 घंटे भी टिक नहीं पाया और गिर गया। लेकिन अधिकारियों ने इसका इल्जाम को चूहों पर लगा दिया।’