चुनाव आयोग ने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धन का इस्तेमाल किए जाने का सबूत मिलने के बाद तमिलनाडु विधानसभा की दो सीटों पर मतदान रद्द करने की शनिवार (28 मई) को सिफारिश करते हुए कहा कि इस मौके पर लोकतांत्रिक कवायद के लिए वहां का माहौल अत्यधिक दूषित है। चुनाव आयोग ने पहली बार ऐसा कदम उठाया है। इन दो विधानसभा क्षेत्रों से आठ करोड़ रुपए से अधिक नकद राशि जब्त की गई थी। अधिकारियों ने 2,500 लीटर से अधिक शराब भी बरामद की। इसके अलावा तलाशी के दौरान चांदी, धोती और साड़ी जैसे तोहफे भी बरामद हुए थे। चुनाव आयोग ने कहा कि चुनावी धांधली, बाहुबल और बूथ कब्जा होने के सबूत के बाद आमतौर पर मतदान रद्द किया जाता है लेकिन यह पहला मौका है जब आयोग मतदाताओं को रिश्वत दिए जाने के चलते मतदान रद्द करने की सिफारिश कर रहा है। आयोग ने तमिलनाडु के राज्यपाल के. रोसैया से अरावकुरिची और तंजौर विधानसभा क्षेत्रों में मतदान से संबंधित अधिसूचना रद्द करने की सिफारिश की है।
आयोग ने यह भी कहा है कि राज्यपाल से उचित समय पर दो सीटों पर नए सिरे से मतदान कराने के लिए एक संशोधित कार्यक्रम तय करने की सिफारिश करेगा। 29 पन्नों की अपनी एक विस्तृत सिफारिश में आयोग ने कहा कि रोसैया का यह ‘अवलोकन’ है कि दो सीटों पर चुनाव टाले जाने से इन विधानसभा क्षेत्रों से चुने गए सदस्य आगामी राज्यसभा चुनाव में वोट डालने से वंचित हो जाएंगे, पर यह स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से नहीं हुए मतदान के आधार पर निर्वाचित सदस्य इन सीटों के सही जनप्रतिनिधि नहीं होंगे।
इसने यह भी कहा कि कानून के तहत यह जरूरी नहीं है कि राज्यसभा चुनाव कराने के लिए विधानसभा में सभी सीटें भरी जानी चाहिए। इससे पहले, चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों द्वारा बड़े पैमाने पर धन और तोहफे मतदाताओं को बांटे जाने और दो मौकों पर अरावकुरिची और तंजौर विधानसभा सीटों का चुनाव टाला था।
द्रमुक ने इस बीच शनिवार (28 मई) को एकबार फिर आयोग को अर्जी देकर अनुरोध किया कि अरावकुरिचि और तंजावुर विधानसभा सीटों के लिए मतदान रमजान के महीने और तमिलनाडु में राज्यसभा चुनाव के चलते छह जून से पहले कराए जाएं, 13 जून को नहीं।
द्रमुक ने चुनाव आयोग को मद्रास उच्च न्यायालय के उस निर्देश का उल्लेख किया जिसमें उसने दोनों विधानसभा सीटों के लिए मतदान की तिथि पर निर्णय 27 मई तक लेने की बात कही थी। द्रमुक ने कहा कि उसे अभी तक उस अनुरोध पर चुनाव आयोग का जवाब नहीं मिला है जो उसने पहले किया था। द्रमुक के संगठन सचिव आर एस भारती ने मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी को दिए एक ज्ञापन में कहा, ‘हमें अपने अनुरोध के संबंध में आपसे अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है, जिस पर प्राथमिकता से 27 मई से पहले विचार करने का आदेश दिया गया है जो कि शुक्रवार (27 मई) था। इसलिए हम यह अनुस्मारक दे रहे हैं।’