पुलिस रिकॉर्ड्स के मुताबिक बेंगलुरु में 801 छात्र जिनमें से अधिकतर अफ्रीकी हैं बेंगलुरु में ओवरस्टे कर रहे हैं। इन छात्रों में से 57 लापता हैं। यह जानकारी मंगलवार (2 मई) को पुलिस द्वारा विदेशियों के क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) से लेकर उच्च न्यायालय के समक्ष पेश की गई। एफआरआरओ के मुताबिक 801 में से 92 विदेशियों ने एग्जिट वीजा के लिए आवेदन दिए हैं। एफआरआरओ ने कहा कि ‘भारत छोड़ो’ नोटिस के बाद डिफॉल्टर्स को लुकआउट सर्कुलर जारी किए जाएंगे।
कोंगोलीज छात्र ने दायर की याचिकाः कांगो के रहने वाले छात्र होसी बीकांडो सिडनी ने इस संबंध में याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अरविंद कुमार ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा,’दूसरे देशों के आने वाले जो छात्र वीजा पर आते हैं खासकर तंजानिया, कांगो, कंबोडिया आदि के छात्र ओवरस्टे कर रहे हैं। इसके चलते उन्हें गिरफ्तार किया जाता है और उन पर मुकदमा चलाया जाता है। इसके अलावा ऐसे कई उदाहरण हैं जिसके अंतर्गत इन छात्रों पर नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टांस एक्ट 1985 या दूसरे अपराधिक मामलों के तहत आरोप लगाए जा चुके हैं। लापता छात्रों के बारे में जानकारी न होना देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।’
मई में घर लौटेंगे सिडनीः सिडनी 7 मई (मंगलवार) को मुंबई की फ्लाइट से अपने घर कांगो लौटेंगे। सिडनी द्वारा 28 हजार रुपए का जुर्माना भरे जाने के बाद न्यायमूर्ति अरविंद कुमार ने उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई को रद्द कर दिया। बता दें सिडनी और अन्य तीन आरोपियों को हेन्रूर पुलिस ने 5 फरवरी 2017 में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें विदेशी अधिनियम 1946 के तहत सेक्शन 14 और 14 C के तहत हिरासत में भेजा गया था। इसके बाद सिडनी को 14 मार्च 2017 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था और 3 अगस्त 2017 को सिडनी के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया था।
National Hindi News, 03 May 2019 LIVE Updates: दिनभर की बड़ी खबरों के लिए क्लिक करें
सिडनी ने आरोपों को बताया झूठाः सिडनी ने पिछले साल फरवरी में उच्च न्यायालय में कहा कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया। साथ ही सिडनी ने आरोप पत्र दाखिल किए जाने के बाद मुकदमें की सुनवाई में देरी का आरोप भी लगाया जिसकी वजह से अन्य आरोपी फरार है।