धौलपुर जिले के एक पुलिस अधिकारी ने जिला पुलिस अधीक्षक अजय सिंह पर आरोप लगाया है कि जिले से गुजर रहे 27 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रकों और अन्य वाहनों से जबरन पैसा वसूली करने वाले गिरोह को उनका संरक्षण मिला हुआ है। धौलपुर के उपाधीक्षक (वृत्त अधिकारी) दिनेश शर्मा ने पुलिस महानिरीक्षक (भरतपुर) को लिखे पत्र में जिला पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए है। पत्र की जांच पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी कर रहे है।

गिरोह के जरिए की जाती है वसूलीः शर्मा ने दावा किया कि पुलिस अधिकारियों द्वारा धौलपुर शहर के चार थाना क्षेत्रों में होकर गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या तीन के नौ स्थानों पर वसूली के लिए करीब 15-20 ‘प्राइवेट’ लोगों के एक गिरोह के जरिए ट्रकों और अन्य वाहनों से जबरन वसूली कराई जाती है और वसूली का बढ़ा हिस्सा पुलिस अधीक्षक को भेजा जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यदि कोई वाहन चालक इन लोगों को पैसा नहीं देता तो ये लोग उसके साथ मारपीट करते है और गाड़ी रूकवाकर संबंधित थाने में बंद करवा देते है। उन्होंने आरोप लगाया कि अवैध वसूली संगठित तरीके से जिला पुलिस अधीक्षक अजय सिंह द्वारा अपने संरक्षण मे कराई जा रही है। इस कार्य में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भी मिले हुए हैं। थानाधिकारी निहालगंज, कोतवाली, सदर धौलपुर तथा प्रभारी यातायात भी इस कार्य में लिप्त है।
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वसूली गई राशि पुलिस अधीक्षक को भेजी जाती हैः उपाधीक्षक दिनेश शर्मा अपने पत्र में अवैध वसूली कर रहे इन लोगों के नाम और मोबाइल नंबर का उल्लेख किया है। कोतवाली थाना क्षेत्र के सागरपाडा पुलिस जांच चौकी पर सर्वाधिक वसूली होती है। शर्मा ने आरोप लगाया कि प्रतिदिन वसूली गई राशि में से निश्चित राशि पुलिस अधीक्षक को भेजी जाती है। इस पुलिस अधिकारी द्वारा पुलिस महानिरीक्षक को जिला पुलिस अधीक्षक के खिलाफ सोमवार ( 1 जुलाई) को लिखे गए शिकायती पत्र में अवैध वसूली में उनकी संलिप्तता के अलावा अन्य आरोप भी लगाए गए है।

पत्र में लगाए गए कई आरोपः पुलिस महानिरीक्षक (भरतपुर) भूपेन्द्र साहू ने बताया कि पत्र की जांच की जा रही है। साहू ने बताया कि पत्र में कई आरोप लगाए गए हैं और कई तथ्यों का उल्लेख किया गया है जिनकी जांच की जा रही है। पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया गया है और यदि कोई अधिकारी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ मुख्यालय के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी। जिला पुलिस अधीक्षक अजय सिंह से कई बार संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं किया जा सका। परिवीक्षा (प्रोबेशन) कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के एक मामले में वह दो साल तक निलंबित रह चुके है।