Dr. Balaji Jagannath Attacked KCSSH Hospital: चेन्नई के गिंडी में स्थित कलैगनार सेंटेनरी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल (केसीएसएसएच) में बुधवार को एक ऑन्कोलॉजिस्ट (कैंसर रोग विशेषज्ञ) को अस्पताल में भर्ती मरीज के बेटे ने चाकू मार दिया। इस हमले के बाद एक बार फिर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर सवाल उठे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स की कमी को दूर किया जाना चाहिए जिससे उन पर दबाव कम हो। डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस हमले की निंदा की है और अस्थाई हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।

जिस डॉक्टर पर हमला किया गया उनका नाम डॉक्टर बालाजी जगन्नाथ है और उनकी हालत बेहद गंभीर है। हमलावर का नाम विग्नेश है।

याद दिलाना होगा कि बीते कुछ महीने से पश्चिम बंगाल के RG Kar अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के बाद बड़े पैमाने पर डॉक्टर्स ने विरोध प्रदर्शन किया था और सुरक्षा का मुद्दा उठाया था।

पुलिस का कहना है कि विग्नेश और उसके तीन दोस्त सुबह अस्पताल पहुंचे। यहां पर विग्नेश की मां का कैंसर का इलाज चल रहा है। विग्नेश की मां की बिगड़ती हालत को लेकर इन लोगों की डॉक्टर जगन्नाथ के साथ तीखी बहस हुई और विग्नेश ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया। पुलिस का कहना है कि विग्नेश ने बहस के दौरान ही चाकू निकाला और डॉक्टर जगन्नाथ पर हमला कर दिया। उसने ताबड़तोड़ ढंग से गर्दन और शरीर के कई हिस्सों पर चाकू से वार किये। तब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक उसने डॉक्टर जगन्नाथ को बुरी तरह जख्मी कर दिया था।

अभी डॉक्टर जगन्नाथ आईसीयू में हैं, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।

इस घटना की वजह से सरकारी डॉक्टर और हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की सुरक्षा का सवाल फिर से उठा है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस हमले को हैरान करने वाला बताया है और कहा है कि डॉक्टर्स की सुरक्षा बेहद जरूरी है और यह सरकार का कर्तव्य है कि वह डॉक्टर्स की हिफाजत करे।

स्टाफ की कमी दूर करने की मांग

दूसरी ओर, डॉक्टर्स के संगठन सुरक्षा के साथ ही राज्य सरकार से स्टाफ की कमी दूर करने की मांग कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2024 तक लगभग 30% पद खाली हैं और आने वाले कुछ वक्त में हालात और खराब हो सकते हैं क्योंकि लगभग 1000 डॉक्टर पोस्ट ग्रेजुएट पढ़ाई के लिए बाहर जाने वाले हैं।

एक डॉक्टर ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मरीजों की नाराजगी की वजह यह है कि राज्य में स्वास्थ्य कर्मचारियों की बेहद कमी है। अगर सरकार डॉक्टर्स की संख्या बढ़ाए तो हालात सुधर जाएंगे।

अस्थाई हड़ताल पर जाने का ऐलान

डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस हमले की निंदा की है और अस्थाई हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है और नॉन इमरजेंसी सर्विसेज को रोक दिया है। डॉक्टर्स का स्पष्ट रूप से कहना है कि राज्य सरकार को स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करना चाहिए। कुछ डॉक्टर्स ने अस्पतालों में बेहतर रेफरल सिस्टम की वकालत की है और सरकार से इस मुद्दे को तत्काल हल करने के लिए कहा है।

इस घटना के बाद उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने भी कहा है कि सरकार यह तय करेगी कि ऐसी घटनाएं दोबारा ना हो और डॉक्टर्स के रिक्त पदों को भी भरा जाएगा।