Karnataka Schizophrenia Patient: कर्नाटक (Karnataka) के बागलकोट (Bagalkote) में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां के हनागल श्री कुमारेश्वर अस्पताल (Hanagal Shree Kumareshwar Hospital) के डॉक्टरों ने मरीज के पेट से 187 सिक्के निकाले हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मरीज को उल्टी और पेट में दर्द की शिकायत थी। उसके बाद उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसके अलग-अलग टेस्ट किए। जब एंडोस्कोपी (Endoscopy) की तो पता चला कि मरीज के पेट में बहुत सारे सिक्के हैं। उसके बाद ऑपरेशन कर मरीज के पेट से एक, दो और पांच रुपये के अलग-अलग सिक्के निकाले गए। इन सभी 187 सिक्कों की कुल कीमत 462 रुपये बताई जा रही है।

चिकित्सकों ने बताया कि इस शख्स को सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) नाम की बीमारी है, 58 साल के इस शख्स का नाम दयमप्पा हरिजन बताया जा रहा है। वो रायचूर जिले के लिंगसुगुर का रहने वाला है। शनिवार (26 नवंबर, 2022) को दयमप्पा ने पेट में दर्द होने की शिकायत की। इस पर उसके रिश्तेदार उसे बागलकोट के एस निजलिंगप्पा मेडिकल कॉलेज से जुड़े HSK अस्पताल ले गए थे। इसके बाद मरीज की लक्षणों के आधार पर एक्सरे और एंडोस्कोपी की गई। मरीज के एब्डोमिनल स्कैन में पता चला कि उसके पेट में कई सिक्के हैं। इसके बाद उसका ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया।

दयमप्पा (Dyamappa) ने बताया कि वो पहले भीख मांगा करता था। जब उसको सिक्के मिलते थे, वो उन सिक्कों को निगल जाता था। उसके बाद वो पानी पी लेता था। ऐसा करने में उसे अच्छा लगता था। दयमप्पा को लगता था कि सिक्के उसके पेट में जाएंगे और खाना की तरह पच जाएंगे। वो पिछले कुछ महीने से सिक्कों को निकल रहा था।

दयमप्पा के पेट में पांच रुपये के 56 सिक्के, दो रुपये के 51 सिक्के और एक रुपये के 80 सिक्के मिले

चिकित्सकों ने बताया कि दयमप्पा (Dyamappa) के पेट से सिक्कों को निकालने में लगभग दो घंटे का वक्त लगा। ऑपरेशन के दौरान करीब हर बार पांच सिक्के निकाले गए। दयमप्पा ने 187 सिक्के निगले थे। पांच रुपये के 56 सिक्के, दो रुपये के 51 सिक्के और एक रुपये के 80 सिक्के थे।

डॉक्टर ईश्वर कलबुर्गी ने कहा कि जांच करने पर डॉक्टरों ने उसके पेट में कई सिक्के पाए। उन्होंने कहा कि अगर एक सिक्का होता, तो हम एंडोस्कोपी के माध्यम से निकाल देते, लेकिन कई सिक्के होने के कारण हमें मरीज का ऑपरेशन करना पड़ा। ऑपरेशन के बाद मरीज अब स्थिर है, डॉक्टर ने कहा, यह उनके करियर का एक अनूठा मामला था।