दिवाली से पहले दिल्ली की बिंदापुर और विकास नगर जैसी कुम्हार कालोनियों में मिट्टी के दीयों, मूर्तियों और सजावटी सामान की मांग बढ़ गई है। हालांकि मेहनत कुम्हार करते हैं, पर असली मुनाफा आनलाइन प्लेटफार्म कंपनियां कमा रही हैं। कुम्हारों का कहना है कि कंपनियां महीनों पहले ही आर्डर बुक कर लेती हैं और एक दर्जन दीयों पर उन्हें सिर्फ 1-2 रुपये का लाभ मिलता है। टेराकोटा गहनों, मिट्टी की बोतलों और बिरयानी हांडियों की भी भारी मांग है। लोग अब पारंपरिक चीजों को उपहार में देना पसंद कर रहे हैं।

बिंदापुर कुम्हार कालोनी के सुभाष प्रजापति ने कहा कि उनके यहां से दिल्ली ही नहीं बल्कि मथुरा, बरेली, अयोध्या सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों सहित कोलकाता व गुजरात से बड़े-बड़े आर्डर बुक किए गए हैं। लेकिन ये आर्डर आनलाइन प्लेटफार्म कंपनियों द्वारा किए गए हैं जो एक दर्जन दीए की खरीद पर हमें आकार के हिसाब से एक से दो रुपए तक लाभ देती हैं जबकि आनलाइन ये दीए काफी ऊंचे दामों पर बेचे जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस साल लोग परंपरागत रूप से दीयों, मंदिरों व लक्ष्मी गणेश की मूर्ति के अलावा सजावटी सामानों खासकर टेराकोटा झूमर, डोर बैल व रंग-बिरंगे गमलों की खरीदारी जमकर कर रहे हैं।

कुछ कुम्हार मिट्टी के दीयों के साथ ही साथ मोम वाले दीए भी इस साल बना रहे हैं क्योंकि उसमें मुनाफा ज्यादा है। वहीं विकास नगर कुम्हार कालोनी के प्रधान परमू ने बताया कि कई आनलाइन कंपनियां कुम्हारों से सिर्फ दीए व दिवाली पूजा में प्रयोग में आने वाली वस्तुओं की ही नहीं बल्कि मिट्टी की बिरयानी हांडी, तवा, गिलास, पानी की बोतल का भी आर्डर बड़ी संख्या में दे चुके हैं। दरअसल गिफ्ट पैक में लोग आजकल इसे देना काफी पसंद कर रहे हैं जोकि बिल्कुल अलग लगता है और स्वास्थ्य के लिए भी ठीक होता है।

कुम्हार कालोनी में दाम

दीए छोटे-18-20 रुपए दर्जन, बड़े दीए 5 से 25 रुपए प्रति पीस, डिजाइनर दीए 3 से 45 रुपए प्रति पीस, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति 30 रुपए से 500 रुपए प्रति पीस, मिट्टी का तवा 150-200 रुपए प्रति पीस, मिट्टी की बोतल 100-400 रुपए प्रति पीस, सजावटी मूर्तियां 5 रुपए से 5000 रुपए प्रति पीस, डिजाइनर गमले 100-1000 रुपए प्रति पीस, टेराकोटा आभूषण 15 से 400 रुपए तक, बिरयानी की हांडी 150 से 500 रुपए तक।