कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिवाली से पहले प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठाए हैं। अदालत ने कहा कि क्या राज्य सरकार पटाखों पर प्रतिबंध लगाने में रुचि रखती है? उच्च न्यायालय की हालिया टिप्पणी पर्यावरण समूह सबुज मंच द्वारा दायर एक जनहित याचिका के जवाब में आई थी जिसमें ग्रीन पटाखों के अलावा अन्य पटाखों पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। गुरुवार को सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति बिस्वजीत बसु और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने कहा, “क्या राज्य पटाखों पर प्रतिबंध लगाने में रुचि रखता है या नहीं?”

कलकत्ता उच्च न्यायालय की वेकेशन बेंच ने पश्चिम बंगाल सरकार को अवैध पटाखों की बिक्री रोकने के लिए अपने दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन और सितंबर की बैठक में लिए गए निर्णयों को लागू करने पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए यह टिप्पणी की। पिछले महीने मुख्य सचिव ने ग्रीन पटाखों की बिक्री और निर्माण के संबंध में एक बैठक की थी। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी जिले सीएसआईआर-नीरी द्वारा ग्रीन पटाखा निर्माण पर प्रशिक्षण के लिए 160 ट्रेनी को अंतिम रूप देंगे।

यह भी निर्णय लिया गया कि ग्रीन पटाखा निर्माताओं की प्रामाणिकता की पुष्टि के लिए CSIR-NEERI में रजिस्टर्ड 228 निर्माताओं की सूची सभी जिलाधिकारियों और पुलिस आयुक्तालयों को उपलब्ध कराई जाएगी।

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कलकत्ता हाईकोर्ट ने पटाखों की क्वालिटी की जांच करने को कहा

अदालत ने कहा कि दिवाली से पहले और बाद में एयर क्वालिटी का पता लगाना पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) का कर्तव्य है। अदालत ने कहा, “क्या पीसीबी के पास बाजी बाज़ार में पटाखों की क्वालिटी की जांच करने के लिए कोई टीम है? पीसीबी का कर्तव्य है कि वह दिवाली से पहले और बाद में वायु गुणवत्ता का पता लगाए और अगली तारीख़ पर रिपोर्ट दाखिल करे। अगर पीसीबी को राज्य से सहयोग नहीं मिलता है तो अदालत को सूचित किया जाना चाहिए। हम कार्यान्वयन चाहते हैं। 2021 से सभी इंतज़ार कर रहे हैं।”

अदालत ने कहा- पटाखों की बिक्री को लेकर भी हो गाइडलाइन

जवाब में सरकारी वकील अमितब्रत रॉय ने कहा, “23 सितंबर को मुख्य सचिव कक्ष में एक बैठक हुई थी और सभी जिलों को अदालत के आदेश का पालन करने के लिए पत्र भेजा गया था। कोलकाता पुलिस जल्द ही एक अधिसूचना जारी करेगी।” यह देखते हुए कि बाजी बाज़ार पहले से ही स्थापित है, अदालत ने राज्य से कहा, “पटाखे उपलब्ध कराने के बारे में एक दिशानिर्देश होना चाहिए। बैठक के बाद क्या कदम उठाए गए? सितंबर में एक प्रस्ताव लिया गया था। यह निर्णय लिया गया था कि लाइसेंस का सत्यापन स्थानीय ज़िला अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। आपने अपने खुद के दिशानिर्देश निर्धारित कर लिए हैं और आज आप अंधेरे में हैं।”

अदालत ने कहा, “एक बात यह है कि 160 लोगों को प्रशिक्षण के लिए ले जाया जाएगा, क्या ऐसा किया गया है या नहीं। हम यह मान लेंगे कि राज्य अवैध पटाखों के इस्तेमाल को रोकने में रुचि नहीं रखता है।”

कोलकाता में Sky Lanterns पर बैन

वहीं, दूसरी ओर कोलकाता पुलिस ने आग लगने के संभावित खतरों के कारण काली पूजा और दिवाली के दौरान हवा में उड़ने वाले लालटेन (Sky Lanterns) उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा के अनुसार, प्रतिबंध को लागू करने के लिए कड़ी निगरानी की जाएगी और उल्लंघन करने वालों पर पुलिस कार्रवाई भी हो सकती है।

पुलिस ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य त्योहारों के दौरान जन सुरक्षा को प्राथमिकता देना है। पुलिस आयुक्त वर्मा ने हवाई लालटेन से विमान संचालन को होने वाले खतरे की कई शिकायतों के बाद कड़ी निगरानी के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता में केवल ग्रीन पटाखों की अनुमति है और प्रतिबंधित पटाखों का उपयोग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस नियम को लागू करने के लिए पुलिस ने प्रमुख स्थानों पर जांच शुरू कर दी है। पढ़ें- जानें क्या है आपके शहर में प्रदूषण का हाल