दिल्ली के वसंतकुज स्थित रायन इंटरनेशनल स्कूल की पानी की टंकी में मृत मिले छह साल के बच्चे दिव्यांश के पिता ने शनिवार को आरोप लगाया कि मौत से पहले उनके बेटे का यौन उत्पीड़न किया गया और उसके निजी अंगों पर चोट के निशान थे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस मामले में ‘जघन्य अपराध’ का संकेत मिलता है और उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया।

पिता रामहित मीणा ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे का शव देखा था। बच्चे के शरीर के निजी हिस्से पर रूई लगी हुई थी और उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानाध्यापिका ने परिवार को इस मुद्दे पर चुप रहने की चेतावनी दी थी। उन्होंने इस मामले की फिर से सीबीआइ जांच की मांग की। मीणा ने कहा, ‘यौन उत्पीड़न किया गया। उसे मारा गया है’।

उन्होंने सीबीआइ जांच की अपनी मांग दोहराते हुए कहा, ‘मैंने अपने बच्चे का शव देखा था। उसके निजी हिस्सों पर कुछ चोट के निशान थे और रूई लगी हुई थी। प्राचार्य यह कहते हुए मुझे शुरू से धमकी दे रही थी कि चुप रहना ही मेरे लिए ठीक होगा’। उन्होंने यह भी मांग की कि स्कूल का लाइसेंस या पंजीकरण रद्द किया जाए। बहरहाल, पुलिस ने इस आशंका को खारिज किया है कि बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न किया गया था।

एम्स में पैरामेडिकल कर्मचारी मीणा ने कहा, ‘हम सीबीआइ जांच की मांग कर रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि मेरा बच्चा उस पहुंच से बाहर के स्थान पर कैसे पहुंचा जहां अक्सर ताला बंद रहता है और वह उस स्थान पर रेंगकर क्यों गया। शव मिलने के बाद वे इसकी चर्चा कर रहे थे कि टैंक से शव को कौन निकालेगा’।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को रायन इंटरनेशनल समूह के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी रायन पिंटो और समूह के उत्तरी क्षेत्र के प्रमुख फ्रांसिस थॉमस को नोटिस भेजे गए हैं। उन्होंने शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अब की जांच के आधार पर बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न की आशंका को खारिज कर दिया। पिछले गुरुवार को पुलिस ने स्कूल की प्रधानाध्यापिका संध्या साबू, क्लास टीचर और स्कूल के तीन गैर शिक्षण कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। बाद में इन लोगों को जमानत मिल गई थी।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पत्रकारों से कहा, ‘अभिभावकों की बात की अनदेखी की जा रही है कि बच्चे के निजी अंग पर रूई लगी हुई थी। रिपोर्ट में जघन्य अपराध का संकेत मिलता है। और यह कहना कि उसे कोई बीमारी थी, यह जिम्मेदारियों से भागना है’। सिसोदिया ने स्कूल प्रबंधन के इस प्रयास को षड्यंत्र बताया कि परिसर के भीतर पानी की टंकी के अंदर पाया गया छह वर्ष का बच्चा अन्य बच्चों से हटकर (स्पेशल चाइल्ड) था।

एसडीएम सोनल स्वरूप की तरफ से पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि रायन इंटरनेशनल स्कूल के अधिकारियों का जानबूझकर कार्रवाई नहीं करना पूरी तरह आपराधिक लापरवाही है जिससे बच्चे की मौत हुई। रिपोर्ट में बच्चे को विशेष बच्चा बताने को लेकर आलोचना की गई है। सिसोदिया ने कहा कि रिपोर्ट में कई सवाल खड़े होते हैं कि कैसे स्कूल इतना लापरवाह हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार इसका अध्ययन कर रही है और उपयुक्त कार्रवाई करेगी।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘दिव्यांश को बचाने में स्कूल के कर्मचारियों द्वारा जानबूझकर कुछ नहीं करना आपराधिक लापरवाही है। अनावश्यक चर्चा, एक विशेष व्यक्ति को बुलाने और इनकार करने में जो समय बर्बाद किया गया अगर उसका इस्तेमाल डूबते बच्चे को बचाने में किया गया होता तो यह उसका जीवन बचाने में अहम हो सकता था’।