Divyang reached Hemkund Sahib for Offer Prayer: कहते हैं अगर कोई ठान ले तो कोई भी लक्ष्य पहुंच से बाहर नहीं होता। कुछ ऐसा ही कर दिखाया एक दिव्यांग भक्त ने 15 हजार फीट से भी ज्यादा की ऊंचाई की रास्ता तय करके। बिना पैरों के इतनी ऊंचाई का सफर तय करना मामूली बात नहीं थी लेकिन भक्त की श्रद्धा और ईश्वर की कृपा हो तो कुछ भी असंभव नहीं होता है। लुधियाना से उत्तराखंड आए हरभवान सिंह ने ये कारनामा कर दिखाया। उनके जज्बे और लगन को देखकर हर कोई उन्हें सलाम करता है। पंजाब से आए सरदार हरभवान सिंह बिना पैरों के ही पवित्र हेमकुंड साहिब के दरबार में अरदास करने पहुंचे।

हरभवान सिंह का उत्साह देखकर लग रहा था कि उनके लिए बिना पैरों के सिर्फ हाथों के सहारे ही 15,225 फीट की ऊंचाई भीआसान लग रही थी। इस दौरान दुर्घटना में खो दिए पैरों का नहीं होना भी अब बंदिश नहीं लग रहा है और हाथों के बल पर ही वो उत्साह से आगे बढ़ते चले गए। हरभवान सिंह ने अपनी हिम्मत और भक्ति भावना के दम पर अपने आराध्य हेमकुंड साहिब गुरद्वारे में पहुंच कर गुरु का आशीर्वाद लिया।

तीन दिनों में पूरी की 19 किमी की चढ़ाई

श्री हेमकुंड साहिब पहुंचने के लिए सिख श्रद्धालुओं को गोविंदघाट से 19 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है। इस दौरान आपको सतर्क भी रहना पड़ता है। इस सफर के दौरान सबसे कठिन समस्या तब होती है जब श्रद्धालु घांघरिया से हेमकुंड साहिब की तरफ का रुख करते हैं। ऐसी विकट परिस्थिति में भी सरदार हरभवान सिंह ने महज तीन दिनों में बिना पैरों के ही ये कठिन सफर भी सिर्फ हाथों के दम पर पूरा कर लिया।

एक रेल हादसे में गवां दिए थे दोनों पैर

अपनी इस कठिन यात्रा को पूरा करने के बाद सरदार हरभवान सिंह ने श्री हेमकुंड सरोवर में स्नान किया और अपनी थकान मिटाई। इसके बाद उन्होंने दरबार साहिब में मत्था टेका। हरभवान सिंह ने बताया कि 10 साल पहले एक रेल हादसे में उन्होंने अपने दोनों पैर गवां दिए थे, तब से वो अपने दोनों हाथों के सहारे ही चलते हैं।

एक पैर पर ही कांवड़ लेकर निकला दिव्यांग

ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के मुजफ्फर नगर में दिखाई दिया जब एक कांवड़िया एक पैर के सहारे अपनी कांवड़ लेकर आगे बढ़ रहा था। पवन नामका ये दिव्यांग शख्स गोमुख से सोनीपत के लिए निकला था। ये लगभग 300 किलोमीटर की दूरी है। रास्ते में देखने वाले सभी लोगों ने पवन के जज्बे को सलाम किया है। शिवभक्त पवन गौमुख से गंगा जल लेकर अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे हैं वो अभी तक 200 किमी का सफर तय कर चुके थे।