Indigo Flight: इंडिगो एयरलाइन में आपातकालीन निकास पंक्ति में बैठी एक तेलुगु महिला को कथित तौर पर अपनी सीट बदलने के लिए मजबूर केवल इसलिए किया गया, क्योंकि वो अंग्रेजी और हिंदी नहीं बोल सकती थी। दो दिन पहले विजयवाड़ा-हैदराबाद रूट (6E7297 उड़ान) पर हुई।

इस मामले के बाद तेलंगाना के मंत्री केटी रामा राव ने एयरलाइन से स्थानीय भाषाओं का सम्मान करने का निवेदन किया है। मंत्री ने कहा, ‘Dear @IndiGo6E मैनजमेंट, मैं आपसे स्थानीय भाषाओं और यात्रियों का सम्मान करना शुरू करने का अनुरोध करता हूं, जो अंग्रेजी या हिंदी में अच्छी तरह से वाकिफ नहीं हो सकते हैं।’

गैर-हिंदी भाषी लोगों को यह विकल्प दिए बिना कि वे हिंदी सीखना चाहते हैं या नहीं, स्थानीय भाषा का सम्मान, हिंदी के प्रति प्रतिरोध और आक्रोश, गैर-हिंदी भाषी आबादी के बीच गुस्से का एक भावनात्मक और भावुक बिंदु है, विशेष रूप से भारत में।

मंत्री ने कहा, ‘रीजनल रूट में अधिक कर्मचारियों की भर्ती करें जो स्थानीय भाषा जैसे तेलुगु, तमिल, कन्नड़ आदि बोल सकते हैं। यह एक सही समाधान होगा’। वहीं इंडिगो ने अभी तक मंत्री या उसके खिलाफ आरोप का जवाब नहीं दिया है।

IIM अहमदाबाद में शिक्षा की सहायक प्रोफेसर देवस्मिता चक्रवर्ती, जिन्होंने इस घटना को उजागर किया, उन्होंने कहा कि महिला को अपनी सीट छोड़ने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि अटेंडेंट ने इसे ‘सुरक्षा मुद्दा’ बताया।

देवस्मिता चक्रवर्ती ने एक तस्वीर पोस्ट कर कहा, ‘हरे रंग के कपड़े में बैठी महिला मूल रूप से 2A (XL सीट, एग्जिट रो) में बैठी थी, उसे 3C सीट पर बैठने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि वह केवल तेलुगु समझती थी, अंग्रेजी/हिंदी नहीं। अटेंडेंट ने कहा कि यह एक सुरक्षा मुद्दा है।’ चक्रवर्ती ने इसे भेदभाव बताया।

चक्रवर्ती ने कहा कि विमान में तेलुगु भाषा में कोई निर्देश नहीं था। उन्होंने कहा, ‘एपी से तेलंगाना के लिए उड़ान में तेलुगु में कोई निर्देश नहीं है, परिचारक ने कहा कि यह एक सुरक्षा मुद्दा है कि वह अंग्रेजी/हिंदी नहीं समझती है। अगर दुखी है, तो हमें (उसे नहीं) शिकायत करनी चाहिए। कोई गरिमा नहीं, अपने ही राज्य में गैर-हिंदी को द्वितीय श्रेणी के नागरिक के रूप में माना जाता है’।

चक्रवर्ती की पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लोगों ने बताया कि यह भाषाई भेदभाव नहीं है, बल्कि सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा है। चक्रवर्ती ने आगे कहा, ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया मैं इसे व्यवस्थित स्तर पर हल करने के लिए आपकी ओर देख रही हूं। नीति के रूप में सुरक्षा निर्देश सभी भाषाओं में उपलब्ध होने चाहिए और आवश्यकता के अनुसार उपयोग किए जाने चाहिए, न कि केवल अंग्रेजी/हिंदी में। सभी के साथ समान व्यवहार करना गरिमा और सुरक्षा का मामला है। आशा है कि आप सही काम करेंगे।’