बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सत्तारूढ़ NDA और विपक्षी महागठबंधन ने युवाओं, महिलाओं, किसानों और पिछड़े वर्गों को केंद्र में रखकर अपनी-अपनी चुनावी रणनीति पेश की है। एक ओर, NDA ने विकास और औद्योगिक विस्तार को एजेंडा बनाया है तो दूसरी ओर, महागठबंधन ने सामाजिक न्याय का वादा किया है।

NDA ने विकसित बिहार का सपना दिखाते हुए एक करोड़ नौकरियों और औद्योगिक विकास का वादा किया है, जबकि महागठबंधन ने ‘तेजस्वी का प्रण’ के तहत हर घर नौकरी, पुरानी पेंशन योजना और महिला सहायता राशि का एलान कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की है।

दोनों गठबंधनों के घोषणापत्र में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और कृषि क्षेत्र में परिवर्तनकारी वादों की झड़ी है। इस बार घोषणापत्र में परिवार, वर्ग और क्षेत्रीय जरूरतों के अनुरूप कई नई योजनाओं और आंकड़ों का खास ध्यान रखा गया है।

एनडीए और महागठबंधन के वादों में कितना अंतर

शिक्षा: NDA ने ‘केजी से पीजी तक निशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा’ का वादा किया है। साथ ही अनुसूचित जाति के उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 2,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने की भी बात कही है। वहीं, महागठबंधन ने केंद्र सरकार द्वारा बनाई नई शिक्षा नीति की समीक्षा की बात की है। राज्य में महागठबंधन की सरकार बनी तो हर अनुमंडल में महिला कालेज की स्थापना की जाएगी और ऐसे 100 कालेज खोले जाएंगे। छात्र क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा को बढ़ाकर आठ लाख रुपए किया जाएगा और गरीब विद्यार्थियों को विदेश में पढ़ाई के लिए 25 लाख का ऋण दिया जाएगा।

स्वास्थ्य: NDA ने विश्वस्तरीय ‘मेडिकल सिटी’ विकसित करने और प्रत्येक जिले में मेडिकल कालेज स्थापित करने का वादा किया है। बाल चिकित्सा व आटिज्म के लिए समर्पित अत्याधुनिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल व विशेष स्कूल स्थापित करेंगे। वहीं, महागठबंधन जन स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत 25 लाख रुपये तक का बीमा देने का वादा किया है। सभी सरकारी अस्पतालों में सभी जांच व दवाइयां मुफ्त मिलेंगी।

महिला सशक्तीकरण: NDA ने वादा किया है कि एक करोड़ ‘लखपति दीदी’ तैयार की जाएंगी। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को दो लाख रुपये सहायता राशि दी जाएगी। मिशन करोड़पति के माध्यम से चिन्हित महिला उद्यमियों को करोड़पति बनाने की दिशा में काम करेंगे। वहीं, महागठबंधन ‘माई-बहिन मान योजना’ लागू करेगा, जिसके तहत महिलाओं को प्रति माह 2,500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी और अगले पांच वर्षों में कुल 30,000 रुपये प्रतिवर्ष प्रदान किए जाएंगे। जीविका दीदियों को 30,000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। महिला किसानों को भी प्रत्येक माह 2,000 रुपये की आर्थिक मदद देने का प्रस्ताव है।

कृषि – राजग कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि की शुरुआत करेगा जिसके तहत 3000 रुपये सालाना दिए जाएंगे। इस तरह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि 6,000 रुपये के साथ किसानों को 9,000 रुपये मिलेंगे। पंचायत स्तर पर सभी प्रमुख फसलों की एमएसपी पर खरीद करेंगे। वहीं, महागठबंधन सभी फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाएगी और पंचायत स्तर पर लहसुन, दलहन व मक्का जैसे उत्पादों की खरीद सुनिश्चित की जाएगी। खेती के लिए प्रतिदिन 18 घंटे सस्ती बिजली और डीजल पर सबसिडी उपलब्ध कराई जाएगी।

अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) – राजग ने अति पिछड़ा वर्ग के युवाओं को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का वादा किया है। साथ ही, उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय आयोग गठित करने की बात भी कही है। वहीं, महागठबंधन ने पहले ही ईबीसी के लिए अलग घोषणा पत्र जारी किया था। इसमें 30 फीसद आरक्षण, पांच डिसमिल (भूमि माप की इकाई) जमीन, निजी स्कूलों और सरकारी ठेकों में ईबीसी आरक्षण जैसी घोषणाएं की गई थीं।

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