Dharmasthala Case Investigation: कर्नाटक के धर्मस्थल में सामूहिक दफन मामले में एक बार फिर नया खुलासा हुआ है। इंडिया टुडे के मुताबिक, RTI (सूचना का अधिकार) के तहत मिली जानकारी से पता चला है कि बेल्थंगडी पुलिस ने (Unnatural Death Register- UDR) में 2000 से 2015 के बीच दर्ज हुई मौतों के रिकॉर्ड्स को हटा दिया। यह वही समय था जब कई मौतों के संदिग्ध होने के आरोप लगे थे।

कैसे सामने आया था मामला?

यह मामला तब सामने आया था जब धर्मस्थल में काम कर चुके एक सफाईकर्मी ने दावा किया कि उसे 1998 से 2014 के बीच महिलाओं और नाबालिगों के शवों को दफनाने और उनका अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया गया था।

बताना होगा कि इस मामले में जांच के लिए कर्नाटक सरकार ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया था।

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RTI कार्यकर्ता ने दर्ज कराई शिकायत

RTI कार्यकर्ता जयंत ने SIT में शिकायत दर्ज कराई है। जयंत ने दावा किया है कि एक युवा लड़की के शव को अवैध रूप से दफनाया गया था और वह इस मामले में गवाह हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि लड़की के शव को दफनाने के मामले में कानूनी प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया और उस वक्त कई अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे। यह माना जा रहा है कि SIT इस मामले में FIR दर्ज करेगी और शव को निकालने की प्रक्रिया भी शुरू करेगी।

जयंत RTI एक्टिविस्ट हैं और वह इसके जरिए पुलिस के कामकाज पर सवाल खड़े करते रहे हैं। जयंत ने बताया कि उन्होंने इससे पहले बेल्थंगडी पुलिस थाने से अनुरोध किया था कि उन्हें गुम हुए लोगों के आंकड़े और फोटोग्राफ दिए जाएं लेकिन पुलिस ने अजीब सा जवाब दिया था।

पुलिस ने कहा था कि अज्ञात शवों का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किए गए सभी दस्तावेज, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, वॉल पोस्टर्स, नोटिस और फोटोग्राफ को नष्ट कर दिया गया था और ऐसा “Routine Administrative Orders” की वजह से किया गया था।

…सालों तक परेशान रहा

जयंत ने कहा, “2 अगस्त को मैंने SIT में शिकायत दर्ज कराई। यह शिकायत ऐसी है जिसका गवाह मैं खुद हूं। मैंने उस समय मौजूद सभी लोगों के नाम दर्ज कराए, जिनमें अधिकारी भी शामिल थे। जब लड़की का शव मिला तो उसे दफनाने में कानूनी प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया। उन्होंने शव को ऐसे दफनाया जैसे कोई कुत्ते को दफनाता है। वह मंजर मुझे सालों तक परेशान करता रहा।”

जयंत ने बताया कि दो साल पहले उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर कभी ईमानदार अधिकारी इस मामले की जांच करेंगे तो वह सच को सामने लाएंगे। उन्होंने कहा कि अब सही मौका आ गया है इसलिए उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने ऐसा किसी के कहने पर नहीं किया है।

कौन छुपा रहा मामले को?

जयंत ने सवाल उठाया कि अगर कंकाल के अवशेष मिलते हैं तो उनका मिलान कैसे होगा क्योंकि जरूरी डॉक्यूमेंट्स को नष्ट कर दिया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि कौन इस मामले को छुपा रहा है? उन्होंने मांग की है कि इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए।

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