Dhananjay Munde Resigns: महाराष्ट्र की राजनीति में काफी उथल-पुथल चल रही है। इसी कड़ी में मंत्री धनंजय मुंडे ने इस्तीफा दे दिया है। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मुंडे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। बताया जा रहा है कि उनकी तरफ से ही प्रेशर बनाया गया था कि धनंजय मुंडे मंत्री पद से इस्तीफा दे दें। इसे लेकर सीएम ने खुद अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल को चिट्ठी तक लिखी थी। बाद में एक बैठक भी की गई, ऐसे में साफ पहले ही हो चुका था कि महायुति सरकार से मुंडे की छुट्टी होना तय है।

मुंडे कैसे बने थे महायुति के लिए चुनौती?

अब यहां पर समझने वाली बात यह है कि कई दिनों से महायुति बीच मझधार में फंसी हुई थी, बीजेपी खेमा तो चाहता था कि मुंडे का इस्तीफा तुरंत लिया जाए, लेकिन गठबंधन धर्म की वजह से संभल-संभल कर आगे बढ़ा जा रहा था। लेकिन जब विवाद ज्यादा बढ़ा, लगातार मुंडे के करीबियों को गिरफ्तार किया, साफ हो चुका था मुंडे को भी इस्तीफा देना पड़ेगा। अभी तक खुद धनंजय मुंडे ने इस इस्तीफे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

फडणवीस ने क्या बोला है?

लेकिन सीएम फडणवीस ने जरूर मीडिया के सामने आकर उस इस्तीफे की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने आज अपना इस्तीफा दे दिया है। मैंने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और आगे की कार्रवाई के लिए इसे राज्यपाल को भेज दिया है।

क्या है संतोष देशमुख मामला?

आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक सीएम फडणवीस ने पत्र लिख अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल को साफ कर दिया था कि धनंजय मुंडे को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। बड़ी बात यह है कि कुछ दिन पहले चार्जशीट का एक हिस्सा भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उसके मुताबिक वाल्मीक कराड के साथियों द्वारा संतोष देशमुख की हत्या करने की तस्वीरें सामने आ गई थीं। उस बवाल के तुरंत बाद ही सीएम फडणवीस ने प्रमुख सुनील तटकरे, धनजय मुंडे और भाजपा राज्य प्रमुख और राजस्व मंत्री चन्द्रशेखर बावनकुले के साथ बैठक की थी। माना गया था कि उस बैठक में भी सीएम ने अपनी नीयत साफ कर दी थी। वैसे इस प्रेशर प्लॉटिक्स पर जनसत्ता ने काफी विस्तार से विश्लेषण किया है, पूरी खबर यहां पर