देश में कोरोना का प्रकोप अब भी कम नहीं हुआ है। रोजाना यहां हजारों की संख्या में संक्रमित पाये जा रहे है। इसी बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुंभ मेले का आयोजन करने का फैसला किया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा कि कुंभ मेला 2021 अपने “दिव्य रूप” में हरिद्वार में आयोजित किया जाएगा। यात्रियों की भीड़ और कोरोना महामारी को देखते हुए मेला का सफलतापूर्वक आयोजन बहुत बड़ी चुनौती है।

सीएम रावत ने कहा कि कोरोना की चुनौतियों के बीच ये सब मुश्किल और महामारी से उत्पन्न होने वाली व्यावहारिक समस्याओं के बावजूद हमने आने वाले साल में कुंभ मेला आयोजन करने का फैसला किया है। सीएम ने 14 जनवरी से शुरू होने वाले 2021 कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर रविवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) के पदाधिकारियों के साथ बैठक की।

रावत ने कहा “कुंभ मेले को COVID-19 की स्थिति के हिसाब से बढ़ाया जाएगा। कोरोना की मौजूदा स्थिति के अनुसार कुंभ के फैसलों में एबीएपी और धार्मिक बिरादरी के सुझावों को भी लिया जाएगा।राज्य सरकार के प्रयासों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि भक्तों को असुविधा का सामना न करना पड़े।”

कुंभ मेले के कार्यों की समय-समय पर समीक्षा की जा रही है। इसपर ज़ोर देते हुए रावत ने कहा “विभागीय सचिवों को कुंभ के काम को मॉनिटर करने को कहा गया है। वहीं मुख्य सचिव को 15 दिनों में स्थिति की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया गया है।”

कुंभ को लेकर रावत ने एक ट्वीट भी किया है। उन्होंने लिखा है, ”भारतीय संस्कृति और सभ्यता के आदिकाल से ही गंगा न केवल भारत की सर्वाधिक महान एवं पवित्र नदी के रूप में लक्षित है अपितु ‘माँ’ के रूप में भी पूजित है। हमारी सरकार के लिए भी करोड़ों लोगों की आस्था की प्रतीक ‘माँ गंगा’ सर्वोपरि है और उसकी निर्मलता बनाए रखने के लिए हम सदैव तत्पर हैं।”

बता दें हरिद्वार में कुंभ मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है। इससे पहले 2010 में आयोजित होनेवाले कुंभ मेला में 1.62 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई थी। ये पहली बार है जब मेला 11 साल बाद ही होने जा रहा है। बताया जा रहा है कि 80 साल में दुर्लभ संयोग बन रहा है। भव्य मेला का समापन अप्रैल के अंत में खत्म होगा।