देश की राजधानी दिल्ली में डेंगू एक बड़ी समस्या है। मौसम बदलने के साथ दिल्ली में बड़ी संख्या में डेंगू के केस देखने को मिलते हैं। दिल्ली में डेंगू के मामलों को लेकर साउथ दिल्ली मुंसिपल कॉरपोरेशन (SDMC) ने दिल्ली सरकार को एक पत्र लिखा है। पत्र में साउथ एमसीडी ने दिल्ली सरकार से किसी के भी व्यक्ति घर पर डेंगू का लार्वा मिलने पर 50,000 तक का जुर्माना लगाने की सिफारिश की है और एमसीडी एक्ट 1957 के सेक्शन 482 में संशोधन करने की मांग की है।
जुर्माने की राशि को लेकर साउथ एमसीडी के अधिकारियों का कहना है कि डेंगू का लार्वा किस स्थान पर पाया जाता है यह इस पर निर्भर करेगा। यदि आवासीय क्षेत्र की निर्माणाधीन इमारत में लार्वा मिलता है तो जुर्माने की राशि 5000 तक हो सकती है। यदि किसी निर्माणाधीन मल्टी स्टोरी बिल्डिंग लार्वा पाया जाता है तो यह राशि बढ़ सकती है।
बता दें, कि जुर्माने की राशि में वृद्धि करना साउथ एमसीडी के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। इसके लिए एमसीडी एक्ट 1957 के सेक्शन 482 में संशोधन की आवश्यकता पड़ेगी। जिसके लिए साउथ एमसीडी दिल्ली सरकार को पत्र लिख चुका है। वर्तमान में डेंगू का लार्वा घर में पाए जाने पर 500 रुपए का जुर्माना लगता है। जो 1975 में सरकार के द्वारा निर्धारित किया गया था।
एमसीडी अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में पिछले साल डेंगू के मामले बढ़ने पर एक स्टडी कराई थी। स्टडी में यह बात सामने आई है कि दिल्ली में डेंगू के मच्छरों की ब्रीडिंग (डेंगू का लार्वा)सबसे अधिक घरों के बाहर नहीं बल्कि घरों की छतों पर मौजूद पानी की टंकी, घरों के अंदर रखे कंटेनर, कूलर और फ्रिज में हुई। अफसरों का कहना है कि घरों के अंदर मच्छरों की ब्रीडिंग (डेंगू का लार्वा) रुकने से दिल्ली में डेंगू के 50 प्रतिशत से अधिक मामले कम हो जाएंगे। डेंगू का लार्वा घर में पाए जाने पर वर्तमान में लगने वाला ₹500 का जुर्माना आज के हिसाब से काफी कम है।
दिल्ली में डेंगू के 10,000 से अधिक मामले आए थे और 23 लोगों की मृत्यु हुई थी। यह आंकड़ा पिछले 5 से 6 सालों में सबसे अधिक है।