Delhi riots case: आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को बुधवार (19 अक्टूबर, 2022) को एक मामले में राहत तो दूसरे में कोर्ट से झटका लगा है। दरअसल, उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के एक मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने मुख्य आरोपित और आप के पार्षद रहे ताहिर हुसैन समेत दस लोगों को अचल संपत्ति में आगजनी के आरोप से बरी कर दिया है। जबकि दंगा समेत अन्य आरोपों पर विचार के लिए मामले को अधीनस्थ मजिस्ट्रेट कोर्ट को भेज दिया है।

कड़कड़डूमा कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल के कोर्ट ने पाया कि अचल संपत्ति में आग नहीं लगी थी, ऐसे में भारतीय दंड संहिता की धारा 436 के तहत लगाया गया आगजनी का आरोप नहीं बनता। इसके साथ ही कोर्ट ने अचल संपत्ति में आगजनी के आरोप से मुक्त कर दिया है।

25 फरवरी, 2020 को दिल्ली के खजूरी खास इलाके में एक व्यवसायी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था, जिसके गोदाम में कथित तौर पर तोड़फोड़ की गई थी और आग लगा दी गई थी। मई में दिल्ली की एक अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह मूकदर्शक नहीं था, दंगों में सक्रिय भाग ले रहा था और गैरकानूनी विधानसभा के अन्य सदस्यों को दूसरे समुदाय के लोगों को सबक सिखाने के लिए उकसा रहा था।

आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन 2022 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की साजिश से जुड़े एक मामले में आरोपी हैं। दिल्ली पुलिस ने ताहिर हुसैन, शरजील इमाम, उमर खालिद, सफूरा जरगर और अन्य आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत केस दर्ज किया था।

बता दें, फरवरी, 2022 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे हुए थे। जिसमें 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। जबकि कई लोग दंगों में घायल हुए थे। इसके अलावा करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी को नुकसान हुआ था।