Delhi News: दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली भर में पोर्टा केबिन और किराए के आवासों में चल रहे 31 क्लीनिकों को बंद कर दिया। इससे इन क्लीनिकों से जुड़े डॉक्टर और कर्मचारी असमंजस में हैं और उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि अब उनकी नौकरी का क्या होगा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री पंकज सिंह की स्वीकृति से शुक्रवार को जारी एक आदेश में, चीफ डिस्ट्रिक्ट मेडिकल ऑफिसर को जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
आदेश में कहा गया है कि 31 मोहल्ला क्लीनिकों में से साउत दिल्ली के हुमायूंपुर में मौजूद एक क्लीनिक को आयुष्मान आरोग्य मंदिर में बदल दिया जाएगा। इसमें कहा गया है कि क्लीनिकों का प्रभार उन सरकारी डिस्पेंसरी को सौंप दिया जाएगा जिनसे ये 31 यूनिट जुड़ी हुई हैं और परिसर खाली होने के बाद इनकी चाबियां मकान मालिकों को सौंप दी जाएंगी।
डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए बड़ा झटका
इस बीच, यह आदेश इन 31 क्लीनिकों में काम करने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए एक झटका है। एक कर्मचारी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उन्हें आगे कहां भेजा जाएगा। उन्होंने कहा, “अभी तक हमें घर पर ही रहने को कहा गया है। हमें यह नहीं बताया गया है कि हम कहां जाएंगे। अगर हमें सोमवार तक प्लान के बारे में जानकारी नहीं मिली, तो हम अपने वकील से सलाह लेंगे।”
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हमें आदेश में लिखी बातों के अलावा कुछ भी नहीं पता- डॉक्टर
एक क्लीनिक में काम करने वाले एक डॉक्टर ने कहा, “डॉक्टरों और कर्मचारियों में काफी अनिश्चितता है। हमें आदेश में लिखी बातों के अलावा कुछ भी पता नहीं है।” दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने यह कदम कैट के 21 अगस्त के आदेश की पृष्ठभूमि में उठाया गया है। इसमें दिल्ली सरकार से कहा गया था कि वह एएएमसी में पिछली अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर नियुक्त किए गए लगभग एक हजार कर्मचारियों को 31 मार्च, 2026 से पहले बर्खास्त न करे। कैट के आदेश के अनुसार, अगर ऐसे कर्मचारियों की सेवाएं 31 मार्च, 2026 से पहले खत्म की जाती हैं तो उन्हें दो हफ्ते का नोटिस देना होगा।
मोहल्ला क्लीनिकों में काम करने वाले कर्मचारियों ने दायर की याचिका
मोहल्ला क्लीनिकों में काम करने वाले कम से कम 1,000 कर्मचारियों ने कैट में याचिका दायर कर यह निर्देश देने की मांग की थी कि उन सभी को आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में जगह दी जाए। दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में सरकार से कहा था कि अगर वह अगले मार्च से पहले एएएमसी कर्मचारियों की सेवाएं खत्म करने का प्रस्ताव रखती है, तो वह उन्हें दो महीने का नोटिस दे। मई में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा था कि मोहल्ला क्लीनिकों के डॉक्टरों और कर्मचारियों को राजधानी में बनने वाले आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में शामिल किया जाएगा।
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