UPSC Student Protest in Delhi: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा (Exam) के लिए एक और चांस की मांग की इस मांग को लेकर ओल्ड राजिंदर नगर इलाके में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया इस दौरान दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारी छात्रों को बुधवार (21 दिसंबर) को रिहा कर दिया। इससे पहले मंगलवार की शाम को लगभग 7:00 बजे 60-70 यूपीएससी कैंडिडेट्स (UPSC Candidates) के एक ग्रुप ने सिविल सेवा परीक्षा (Civil Service Exam) में अधिक प्रयासों के अनुदान के लिए सरकार के खिलाफ राजेंद्र नगर में पोस्टर और बैनर के साथ सड़कों पर प्रदर्शन किया।
Delhi Police ने 40 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया था
दिल्ली पुलिस ने बताया कि दिल्ली पुलिस अधिनियम की धारा 65 के तहत लगभग 40 प्रदर्शनकारियों को राजिंदर नगर पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिया गया था। पुलिस ने बताया,’प्रदर्शनकारियों ने एनओसी के विरोध करने की इजाजत के लिए आवेदन किया था जिसे खारिज कर दिया गया।’
विरोध की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने जोरदार आवाज में प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए कहा। पुलिस के इस रवैये पर प्रदर्शनकारी आक्रामक हो गए और डीओपीटी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
छात्र कर रहे थे UPSC में और मौका देने की मांग
प्रदर्शनकारियों को समझाने के बार-बार प्रयास के बावजूद वे अपनी बात पर अड़े रहे। उन्होंने गद्दों की व्यवस्था की और मीडिया की मौजूदगी में धरना शुरू कर दिया। राजेंद्र नगर एस 65 डीपी अधिनियम के तहत और बाद में इन प्रदर्शनकारी छात्रों को रिहा कर दिया गया। गरिमा नाम की एक प्रदर्शनकारी छात्रा ने एएनआई न्यूज को बताया कि कोविड महामारी को देखते हुए एसएससी (जीडी) और अग्निवीर उम्मीदवारों को परीक्षा पास करने के लिए अतिरिक्त मौके दिए गए थे। गरिमा ने बताया, “अगर सरकार एसएससी (जीडी) और अग्निवीर उम्मीदवारों के लिए अतिरिक्त प्रयासों की अनुमति दे सकती है, तो वह हमारे लिए समान प्रावधान क्यों नहीं कर सकती? हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं।”
UPSC की परीक्षा में उम्र को लेकर छूट की मांग कर रहे थे छात्र
राशि नाम की एक अन्य प्रदर्शनकारी ने दो अतिरिक्त प्रयासों और आयु सीमा में दो वर्ष की छूट की मांग करते हुए कहा, “हम दो साल की छूट और दो अतिरिक्त प्रयास चाहते हैं। क्या कोविड ने यूपीएससी के उम्मीदवारों को प्रभावित नहीं किया? अगर सरकार एमएसएमई को उठाने और कर्ज माफ करने की कोशिश कर सकती है, तो यह हमें कुछ छूट क्यों नहीं दे सकती है?”