दिल्ली पुलिस ने बच्चों से यौन अपराध (POCSO) से जुड़े एक मामले की एफआईआर की कॉपी सोशल मीडिया पर शेयर करने के लिए दिल्ली भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने भाजपा नेता को बताया कि यौन अपराधों के पीड़ितों के विवरण साझा करना अवैध है। दरअसल, 12 जून को एक 42 वर्षीय महिला को दिल्ली में एक नाबालिग लड़की का यौन शोषण करने और धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

उसी रात कपूर ने आरोपी की कई तस्वीरों के साथ एफआईआर की कॉपी सोशल मीडिया पर शेयर की। अगली सुबह, डीसीपी (द्वारका) ने पोस्ट का जवाब दिया, “किसी भी दस्तावेज को पोस्ट करना अवैध है जिसमें कि यौन अपराधों के पीड़ितों का विवरण होता है।” कपूर ने बाद में कहा, “मैं समझता हूं और पालन करने के लिए सहमत हूं।” पुलिस ने POCSO अधिनियम की धारा 24 और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 74 के तहत एक गैर-संज्ञेय रिपोर्ट (NCR) दर्ज की है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “उन्होंने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत में एनसीआर की रिपोर्ट पेश की, जिसने उन्हें कपूर के खिलाफ आगे की जांच करने की अनुमति दी।” पिछले हफ्ते, शिकायतकर्ता ने अपने बयान में कहा कि आरोपी ने जबरन पीड़िता को कैद कर रखा था।

कुछ दिनों पहले पीड़िता की तबीयत ठीक नहीं थी और उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। वह भागने में सफल रही और अपनी मां को अपनी आपबीती के बारे में बताया, जिसने पुलिस में शिकायत की।

9 जून को, IPC की धारा 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध), 506 (धमकी देना) और POCSO अधिनियम की धारा 4 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर दर्ज करने के बाद महिला को गिरफ्तार कर लिया गया।

FIR के मुताबिक आरोपी ने पीड़िता का यौन शोषण किया और उसके साथ मारपीट भी की। आरोपी ने पीड़िता का अश्लील वीडियो भी रिकॉर्ड किया और धमकी दी कि अगर वह घर छोड़ती है तो वह वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर देगी। आरोपी महिला ने पीड़िता को घर के काम करने के लिए भी कहा और उसे कभी भी अपनी मां से बात करने की इजाजत नहीं दी।