द्वारका सेक्टर-23 थाना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसके सदस्य खुद को दिल्ली का सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) बताकर ट्रक चालकों से वसूली करते थे। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है और उनकी निशानदेही पर दो वाहन भी जब्त किए हैं, जिन पर एसडीएम का स्टीकर लगा हुआ है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सत्यवान (47), उसके दो बेटों देवेंद्र (23) व पंकज (22) और दिलीप सिंह (43) के रूप में हुई है। पूछताछ में पता चला है कि सत्यवान और उसके दोनों बेटे खुद को एसडीएम बताते थे, जबकि दिलीप सिंह खुद को एसडीएम का चालक बताता था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने लूटी हुई सीमेंट की बोरियां भी जब्त की हैं। द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त अंटो अल्फोंस के मुताबिक, पूछताछ में पता चला है कि इस गिरोह का सरगना सत्यवान था, जो पहले एसडीएम का वाहन चलाता था। उसने अपनी कार अनुबंध पर एसडीएम कार्यालय को दे रखी थी।
मई 2018 में उसका अनुबंध खत्म हो गया था, लेकिन उसने वाहन पर लगे एसडीएम के स्टीकर नहीं हटाए। वह एसडीएम के साथ कई बार वाहनों की जांच-पड़ताल के लिए गया था और उसे पता था कि बिना स्टीकर हटाए वह वाहन चालकों से वसूली कर सकता है। इसीलिए उसने अपने दोस्त दिलीप सिंह और दो बेटों के साथ मिलकर वाहन चालकों से वसूली की योजना बनाई।

