सेना के एक फर्जी अधिकारी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वो साल 2007 से ही पटियाला के एक वृद्धाश्रम में छिपा हुआ था। बीते शनिवार को दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे गिरफ्तार किया है। उसने सेना में फर्जी कर्नल बनकर लोगों को फर्जी सेना कल्याण आवास योजना के तहत संपत्ति दिलाने के नाम पर ठगी करता था। डीसीपी (क्राइम ब्रांच) अपूर्व गुप्ता ने बताया, “सूचना से पता चला कि आरोपी पंजाब के मानसा का रहने वाला है। जमानत पर छूटने के बाद वह फिलहाल पंजाब के पटियाला में एक वृद्धाश्रम में रह रहा है। एआरएससी क्राइम ब्रांच की टीम मौके पर पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।”
आरोपी सीताराम सिंगला पिछले 18 साल से फरार चल रहा था। उसने पंजाब विश्वविद्यालय से इतिहास और अर्थशास्त्र में एम.ए. की डिग्री प्राप्त की है। पुलिस ने बताया कि सिंगला को साल 2007 में दिल्ली के विवेक विहार पुलिस थाने में बैंक कर्मचारी अनिल निगम द्वारा की गई शिकायत के आधार पर गिरफ्तारी हुई थी। निगम ने दावा किया था कि सिंगला ने उससे 56 हजार रुपये की ठगी की है।
फ्लैट दिलाने के नाम पर ले चुका है पैसा
डीसीपी गुप्ता ने बताया, “आरोपी ने शिकायतकर्ता को एक फ्लैट दिलाने की बात कही थी, जिसके बारे में सिंगला ने कहा कि यह आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गेनाइजेशन (एडब्ल्यूएचओ) द्वारा एक मनगढ़ंत योजना के तहत बनाया जाएगा, और इसके तहत एक दुकान बुक करने की भी पेशकश की। इसके लिए उसने बयाना के तौर पर 56,000 रुपये भी लिए और शिकायतकर्ता निगम को दो रसीद थमा दीं।”
पुलिस ने बताया कि सिंगला को उसी साल गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद उसे जमानत मिल गई। लेकिन वह अदालत में पेश नहीं हुआ और तब से फरार है। 26 अप्रैल, 2025 को कड़कड़डूमा कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया।
सेना के विभिन्न छावनियों में कर चुका है ठेकेदारी
डीसीपी गुप्ता ने बताया, “सिंगला ने भारतीय सेना में एक ठेकेदार के रूप में काम करना शुरू किया और पूरे देश में विभिन्न छावनी क्षेत्रों में तेल की आपूर्ति की। अपने काम के दौरान, उसने सेना के अधिकारियों के विभिन्न रैंकों के बारे में जानकारी हासिल की और भर्ती प्रक्रिया के बारे में सीखा।” अंदरूनी जानकारी प्राप्त करने के आधार पर सिंगला ने कथित तौर पर खुद को कर्नल के रूप में पेश करना शुरू कर दिया। एडब्ल्यूएचओ का उपयोग करके लोगों को छूट वाली अचल संपत्ति और नौकरी दिलाने के बहाने ठगना शुरू कर दिया।
पुलिस ने बताया कि सिंगला ने फरार होने के दौरान अपने परिवार से भी संपर्क तोड़ लिया था। उसके दो बेटे हैं, उसकी पत्नी की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। डीसीपी ने कहा, “वह शकरपुर पुलिस स्टेशन और क्राइम ब्रांच में धोखाधड़ी और जालसाजी के तीन मामलों में शामिल पाया गया।”