अपने पिता की मर्सिडीज चलाते हुए 32 वर्षीय मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव को कथित तौर पर कुचल डालने वाले किशोर पर अब वयस्क की तरह मुकदमा चलेगा। किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने शनिवार (4 जून) को कहा कि उसके द्वारा कथित तौर पर किया गया अपराध ‘जघन्य’ है। जेजेबी के पीठासीन अधिकारी ने दिल्ली पुलिस के आवेदन पर यह आदेश पारित किया जिसने मामले को निचली अदालत में स्थानांतरित किए जाने की मांग की थी ताकि उस पर वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जा सके। चार अप्रैल को हुई घटना के महज चार दिन बाद वह वयस्क हो गया था।
किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और सुरक्षा) अधिनियम 2015 में संशोधन किए जाने के बाद यह पहला मामला है जब बोर्ड ने किसी किशोर द्वारा किए गए जघन्य अपराध को सत्र न्यायालय में स्थानांतरित किया है। अधिनियम की धारा दो (33) के मुताबिक ‘जघन्य अपराध’ में ऐसे अपराध शामिल हैं जिनके लिए भादंसं या किसी अन्य कानून के तहत पहले अपराध के लिए कम से कम सात वर्ष या ज्यादा की सजा का प्रावधान है।
पुलिस ने 26 मई को पहली बार किशोर के खिलाफ जेजेबी में गैर इरादतन हत्या के लिए आरोपपत्र दाखिल किया था। गैर इरादतन हत्या में अधिकतम सजा दस वर्ष की है। विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव की जिरह को एक घंटे से ज्यादा समय तक सुनने के बाद जेजेबी ने शूक्रवार (3 जून) को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। श्रीवास्तव ने कहा था कि लड़का 16 से 18 वर्ष उम्र वर्ग का है और यह अपराध ‘जघन्य अपराध’ की श्रेणी में आता है इसलिए उनके मामले को निचली अदालत में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
श्रीवास्तव ने कहा कि जेजेबी ने शनिवार (4 जून) को उनके जिरह को स्वीकार कर लिया और दिल्ली पुलिस की याचिका को अनुमति दे दी। शुरू में किशोर के खिलाफ भादंसं की धारा 304 ए (लापरवाही से वाहन चलाने के कारण मौत) का मामला दर्ज किया गया था लेकिन बाद में उस पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर सुधार गृह भेज दिया गया।
पुलिस ने अपने आरोपपत्र में कहा था कि लड़के ने अपने पिता की मर्सिडीज से सिद्धार्थ शर्मा को तब कुचल डाला जब शर्मा उत्तर दिल्ली के लुडलो कैसल स्कूल के नजदीक चार अप्रैल को सड़क पार कर रहे थे। उसके खिलाफ अंतिम रिपोर्ट भादंसं की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाकर दूसरे की जिंदगी खतरे में डालना) और 337 के तहत दायर की गई।
बोर्ड ने 26 अप्रैल को युवक को जमानत दे दी थी जिसने परीक्षा देने के लिए राहत दिए जाने की मांग की थी। पुलिस ने कहा था कि कार को प्रति घंटे 80 किलोमीटर प्रति घंटे की दर से दौड़ाया जा रहा था और दुर्घटना होने से शर्मा कई फुट ऊपर हवा में उड़ गए और जहां खड़े थे वहां से 15 मीटर दूर जाकर गिरे।