दिल्ली में मंगलवार को नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) की बैठक में निर्वाचित पार्षद (Elected councillors) पहले शपथ लेंगे। उसके बाद मनोनीत सदस्य शपथ लेंगे। 6 जनवरी की बैठक के दौरान इस बात पर बवाल हो गया था कि कौन पहले शपथ लेगा? मंगलवार 24 जनवरी को महापौर और उप महापौर (mayor and deputy mayor) का चुनाव करने के लिए नागरिक निकाय की बैठक होगी। इसके पहले सदन में आप और भाजपा पार्षदों के मारपीट के बाद पहली बैठक को टाल दी गई थी।
पहले निर्वाचित पार्षद शपथ लेंगे
एमसीडी की बैठक (MCD meeting) के एजेंडे में कहा गया है कि पहले निर्वाचित पार्षद शपथ लेंगे और उसके बाद मनोनीत सदस्य, उसके बाद मेयर और डिप्टी मेयर का शपथ ग्रहण समारोह होगा।
बैठक के दौरान स्थायी समिति के छह सदस्यों का भी चुनाव किया जाएगा। आम आदमी पार्टी को 134 सीटों पर जीत हासिल हुई है। एमसीडी हाउस (MCD House) में 250 निर्वाचित पार्षद हैं। निर्वाचित पार्षदों के अलावा, दिल्ली से बीजेपी (BJP) के सात लोकसभा सांसद और आप के तीन राज्यसभा सदस्य और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नामित 14 विधायक महापौर चुनाव में भाग लेंगे।
महापौर के पद को प्रतिष्ठित माना जाता है और दिल्ली के एक महापौर (Delhi mayor) के पास 1958 में स्थापित पूर्व एकीकृत एमसीडी तक बहुत अधिक शक्ति थी। ऐसा इसलिए क्योंकि तीनों नगर निगमों का एक मेयर था। लेकिन 2012 में उत्तरी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों में विभाजित कर दिया गया। लेकिन मई 2022 में नागरिक निकायों (civic bodies) का पुन: एकीकरण कर दिया गया।
महापौर का पद रोटेशन के आधार पर पांच एकल-वर्ष की शर्तों के आधार पर होता है। इसमें पहला वर्ष महिलाओं के लिए आरक्षित (reserved for women) होता है। दूसरा वर्ष आरक्षित नहीं होता है। जबकि तीसरा वर्ग आरक्षित वर्ग (reserved category) के लिए और शेष दो वर्ष किसी के लिए आरक्षित (open category) नहीं होता है।
सूत्रों के अनुसार आम आदमी पार्टी नगर निगम चुनाव में जीतकर आने वाले कांग्रेस पार्टी के 9 पार्षदों से संपर्क करने की कोशिश कर रही है। आम आदमी पार्टी का मकसद इन पार्षदों का समर्थन हासिल करना है, ताकि बीजेपी को आसानी से हराया जा सके।