दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने आज फिर दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Delhi LG Vinai Kumar Saxena) पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने हाल के मामले में मनोनीत पार्षदों को वोटिंग का अधिकार देकर अदालत की अपराधिक अवमानना की की है।

दिल्ली सीएम केजरीवाल ने सनसनीखेज दावा किया कि एलजी धोखे से मामले को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि उपराज्यपाल ने मामले को ‘असंवैधानिक’ रूप से प्रभावित करने की कोशिश की ताकि सच्चाई अदालत के सामने न आए।

आम आदमी पार्टी (AAP) की मेयर उम्मीदवार शैली ओबेरॉय (Shelly Oberoi) ने मामले में दिल्ली सरकार और एलजी को अलग-अलग पक्ष बनाया। अरविंद केजरीवाल ने विस्तार से बताया कि दिल्ली सरकार, जिसके पास किसी भी वकील को चुनने का अधिकार है, उसने शहरी विकास सचिव से गौतम नारायण को नियुक्त करने के लिए कहा था।

अरविंद केजरीवाल ने एलजी पर आरोप लगाते हुए कहा, “हालांकि 9 फरवरी की रात को UD सचिव को निर्देश दिया कि उपराज्यपाल ने इच्छा जताई है कि शहरी विकास विभाग उपराज्यपाल के कार्यालय की ओर से इस याचिका का बचाव करेगा। साथ ही भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Of India Tushar Mehta) की सेवाएं लेगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि मनोनीत पार्षदों को वोटिंग का अधिकार नहीं होगा।

अरविंद केजरीवाल ने टिप्पणी करते हुए कहा की एलजी का आदेश ऐसा है जैसे मेरा वकील मेरा है, लेकिन आपका वकील भी मेरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि एलजी चाहते थे कि तुषार मेहता दोनों पक्षों का प्रतिनिधित्व करके अदालत में अपने सभी गलत कृत्यों का बचाव करें।

दिल्ली सीएम ने कहा कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने सचिव से गौतम नारायण को नियुक्त करने के लिए कहा, लेकिन एलजी ने उन्हें हमारी तरफ से भी अपना वकील नियुक्त करने का निर्देश दिया था।