Delhi News: दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को एक इंटरस्टेट साइबर ठगी गैंग पर्दाफाश किया है। इसने SBI क्रेडिट कार्ड की KYC अपडेट करने के बहाने दिल्ली के एक शख्स से 10.80 लाख रुपये की ठगी की। पुलिस ने आरोपियों की पहचान मुजफ्फर जिलानी, आफताब अंसारी और मोहम्मद इकबाल रजा के तौर पर की है।
पुलिस के मुताबिक, इस पूरे मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब पालम के रहने वाले केसी बर्थवाल ने 13 अप्रैल को साउथ वेस्ट साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। बर्थवाल ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्हें पांच अप्रैल को एक शख्स ने कॉल किया। उसने दावा किया कि वह एसबीआई के मुंबई हेडक्वार्टर से है।
कॉल करने वाले ने कथित तौर पर दावा किया कि बर्थवाल के क्रेडिट कार्ड से 588.82 रुपये डेबिट हो गए हैं। इतना ही नहीं उसने कहा कि कार्ड को ब्लॉक या एक्टिव करने के लिए KYC अपडेट करना होगा। बर्थवाल को ऐसा लगा कि कॉल करने वाला सही व्यक्ति है और उन्होंने उसकी बात पर यकीन कर लिया। उन्होंने अपने कार्ड की पूरी डिटेल कॉलर को भेज दी। शिकायत के अनुसार, अगले कुछ दिनों में उनके खातों से कई ट्रांजेक्शन की गई। 10 से 12 अप्रैल के बीच कुल 10.80 लाख रुपये की अवैध ट्राजेक्शन की गई।
मिनटों में ऐसे हुई 6 करोड़ की ऑनलाइन लूट
दिल्ली पुलिस ने टीम का किया गठन
दिल्ली पुलिस ने इस मामले की जांच करने के लिए एक टीम का गठन किया। डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि पीड़ित की जांच करने पर पता चला कि आरोपियों ने कार्ड नंबर, सीवीवी, एक्सपायरी डेट और ओटीपी समेत सेंसेटिव जानकारी पता करने के लिए एसबीआई की ऑफिशियल वेबसाइट जैसा एक नकली लिंक भेजा था। इन जानकारी के साथ गिरोह ने पीड़ित के क्रेडिट कार्ड और बाद में उसके इंटरनेट बैंकिंग क्रेडेंशियल तक पहुंच भी हासिल कर ली। टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर आरोपियों की लोकेशन जामताड़ा के करमातार में मिली।
पुलिस ने तीनों आरोपियों को किया अरेस्ट
दो दिनों तक सख्त निगरानी रखने के बाद पुलिस ने जिलानी और अंसारी को अरेस्ट कर लिया। जब उनसे सख्ती से पूछताछ की गई तो तीसरे आरोपी रजा को भी पुलिस ने दबोच लिया। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने फिशिंग शुरू करने के लिए नकली कॉल का इस्तेमाल किया, एसबीआई की वेबसाइट की नकल करते हुए नकली केवाईसी लिंक भेजे और रीयल-टाइम ओटीपी और नेट बैंकिंग डिटेल को हाईजैक करने के लिए कस्टमर सपोर्ट नाम के APK का इस्तेमाल किया। पुलिस ने कहा कि पैसों को डिजिटल वॉलेट और गेमिंग एप के जरिये लूटा गया। फिर फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल करके पैसों को निकाल लिया जाता था। पुलिस ने धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए पांच स्मार्टफोन, छह सिम कार्ड और एक डेबिट कार्ड बरामद किया है। डिजिटल जागरूकता केवल एक विकल्प नहीं
