दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गुरुवार को दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि त्योहार से पहले दलित सफाईकर्मियों का बकाया पेमेंट कर दिया जाये। हाल ही में दिल्ली सरकार के खिलाफ दलित सफाईकर्मियों ने आवाज उठाई थी और दिल्ली जल बोर्ड के जरिए राष्ट्रीय राजधानी में सीवर लाइंस की सफाई में लगे कर्मचारियों का 16 करोड़ रुपये का बिल का भुगतान नहीं करने पर रोष जताया था।
इसके अलावा दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) ने भी शिकायत की थी कि 16 करोड़ रुपये के बिल का भुगतान नहीं किया जा रहा है। चैंबर के चेयरमैन डॉक्टर मिलिंद कांबले ने 30 सितंबर को एलजी से मुलाकात कर दिल्ली सरकार की इस अनदेखी की शिकायत की थी। इससे दशहरा और दिवाली जैसे बड़े त्योहारों पर इन परिवारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव को आदेश दिया कि दिवाली से पहले दिल्ली के सभी दलित सफाईकर्मियों के बकाये पेमेंट के भुगतान के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। कहा कि यह यह काफी गंभीर मसला है। इस पर तुरंत कदम उठाने की जरूरत है।
सीवर सफाई को लेकर दिल्ली जल बोर्ड ने किया था DICCI के साथ एग्रीमेंट
दिल्ली जल बोर्ड ने DICCI के साथ एक एग्रीमेंट साइन किया था। इसमें सीवर की तकनीक आधारित साफ-सफाई को लेकर कहा गया था कि इससे हाथ से मैला ढोने के काम पर रोक लगेगी। यह एग्रीमेंट 28 फरवरी 2019 को किया गया था। इसके बाद दिल्ली जल बोर्ड ने सीवर लाइन को साफ करने के लिए दलित समुदाय के 189 कॉन्ट्रैक्टर्स को काम पर लगाया था।
इस कॉन्ट्रैक्टर्स ने करीब 1000 सफाईकर्मियों को इसमें शामिल किया और इन सफाईकर्मियों की जिम्मेदारी थी कि वो दिल्ली जल बोर्ड के अंतर्गत आने वाली सीवर लाइन को साफ करेंगे।
इस प्रोजेक्ट को खत्म करने के लिए इन कॉन्ट्रैक्टर्स ने क्लीनिंग मशीनें भी खरीदी थीं। इन्होंने स्टैंड अप इंडिया स्कीम के तहत लोन लिया था। हालांकि दिल्ली सरकार द्वारा बिल का भुगतान नहीं किये जाने पर अब इन दलित कर्मचारियों को कई महीनों तक बिना वेतन के रहना पड़ा है। पैसा नहीं मिलने की वजह से कॉन्ट्रैक्टर ईंधन, ऑपरेशन और मेनटेनेंस कर पाने में नाकाम हैं। इतना ही नहीं वो बैंक का ईएमआई भी नहीं दे पा रहे हैं।