तीन राज्यों में शपथ ग्रहण की खुशी के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व लोकसभा सांसद सज्जन कुमार को 34 साल पुराने सिख विरोधी दंगों के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने दोषी करार दिया है। एक ही परिवार के पांच लोगों को मारने के मामले में सज्जन कुमार पर आरोप लगा था। इसके बाद उन्हें निचली अदालत से बरी भी किया गया था। इस फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं लगी थीं। सीबीआई, पीड़ितों और दोषियों की तरफ से दायर अपीलों पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस विनोद गोयल की डबल बेंच ने 29 अक्टूबर को ही फैसला सुरक्षित रख लिया था।

2013 में बरी हुए थे सज्जन कुमार

दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में सिख विरोधी दंगे भड़के थे। नवंबर 1984 में दिल्ली छावनी के राजनगर क्षेत्र में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर, भागमल, गिरधारीलाल, पूर्व विधायक महेंद्र यादव और किशन खोखर को सजा सुनाई जा चुकी है। इस मामले में सज्जन कुमार भी आरोपी थे लेकिन 2013 में उन्हें निचली अदालत ने बरी कर दिया। सज्जन कुमार को लेकर निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अलग-अलग पक्षों की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में सात याचिकाएं लगी थीं।

झुग्गियों में चाय की दुकान से शुरू हुआ था सफर

70 के दशक में आनंद पर्वत की झुग्गियों में चाय की दुकान लगाने वाले सज्जन कुमार ने तेजी से सियासत की बुलंदिया छू लीं और उस समय की देश की सबसे बड़ी लोकसभा सीट पर जीत हासिल कर ली। अचानक संजय गांधी से एक मुलाकात के बाद उनकी जिंदगी बदलने लगी। मादीपुर-जेजे कॉलोनी में एक मिठाई की दुकान शुरू की और साथ ही कांग्रेस के लिए काम करते रहे। 1977 में उन्होंने पार्षद का चुनाव जीतने के महज तीन साल बाद 1980 में बाहरी दिल्ली से सांसद का चुनाव भी जीत लिया। सज्जन कुमार ने 1991 और 2004 में भी बाहरी दिल्ली से ही चुनाव जीता लेकिन बीच-बीच में दंगों के दाग के चलते टिकट कटता रहा।