दिल्ली हाईकोर्ट ने रेखा गुप्ता सरकार को आदेश दिया है कि वह इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को सब्सिडी देने के लिए तत्काल कदम उठाए। अदालत ने यह आदेश जन सेवा वेलफेयर सोसाइटी बनाम दिल्ली सरकार और अन्य के मामले में सुनवाई करते हुए दिया। जन सेवा वेलफेयर सोसायटी ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी। दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर सब्सिडी देने का वादा किया था।

चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने कहा कि सरकार इस बात की आड़ में नहीं छिप सकती कि दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2020 (Delhi Electric Vehicles Policy of 2020) में सब्सिडी देने के लिए कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है।

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अदालत ने कहा, “सरकार इस आधार पर बचने की कोशिश कर रही है कि दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति में सब्सिडी वितरण के लिए कोई निश्चित समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है। हमारा मानना है कि सरकार के पास ऐसा कोई आधार नहीं है।” अदालत ने कहा कि इस वजह को स्वीकार नहीं किया जा सकता।

अलग बैंक अकाउंट खोले परिवहन विभाग

अदालत ने दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग को निर्देश दिया कि सब्सिडी के बंटवारे के लिए जल्द से जल्द एक अलग बैंक अकाउंट खोला जाए।

जन सेवा वेलफेयर सोसाइटी ने याचिका में क्या कहा था?

जन सेवा वेलफेयर सोसाइटी की जनहित याचिका में कहा गया था कि दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले कई लोगों को अभी तक सब्सिडी का पैसा नहीं मिला है।

याचिका में यह भी कहा गया था कि 2020 की EV नीति का लक्ष्य है कि राजधानी में जितने भी वाहन खरीदे जाएं, उनमें 25% इलेक्ट्रिक वाहन हों। इसके लिए सरकार की ओर से कई तरह के वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाते हैं। इसमें नई गाड़ियों पर मिलने वाली सब्सिडी भी शामिल है।

याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि जब कोई व्यक्ति इलेक्ट्रिक वाहन खरीदता है तो वह डीलर को पूरा पैसा दे देता है लेकिन सब्सिडी बाद में खरीदार को वापस कर दी जाती है। याचिकाकर्ता ने कहा कि ने दिल्ली सरकार द्वारा अभी भी 48 करोड़ रुपये से ज्यादा की सब्सिडी बांटी जानी है और यह जानकारी सूचना के अधिकार (RTI) के तहत दिल्ली सरकार से मिली है।

दिल्ली सरकार ने कोर्ट से क्या कहा?

दिल्ली सरकार के वकील ने बेंच को बताया कि 78,000 से ज्यादा लोगों को 179 करोड़ रुपये से ज्यादा की सब्सिडी मिल चुकी है और इस मामले में देरी की समस्या को हल करने के लिए एक अलग बैंक अकाउंट बनाया जा रहा है।

तमाम दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि प्रक्रिया में हो रही देरी के मामले को हल कर लिया जाएगा और नया बैंक अकाउंट खोलने के बाद जल्द ही सब्सिडी दे दी जाएगी।”

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