दिल्ली के सरकारी स्कूलों के गेस्ट टीचर्स की हड़ताल के चलते बच्चों को एग्जाम हॉल के बाहर खुले में बैठकर परीक्षा देनी पड़ रही है। आज (6 मार्च) हड़ताल का छठवां दिन है। ऐसे में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है, जिसमें इस समस्या के समाधान पर बात की जाएगी।

22 हजार शिक्षकों का कॉन्ट्रैक्ट हुआ था खत्म: बता दें कि 28 फरवरी को 22 हजार गेस्ट टीचर्स का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद भी स्कूलों ने शिक्षकों से पेपर्स का मूल्यांकन करने के लिए कहा। वहीं, ऐसा न करने पर फरवरी की सैलरी रोकने की धमकी दी थी। गेस्ट टीचर्स का कहना है कि वे टैबलेट्स रिटर्न करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पेपर नहीं जांचेंगे।

उप मुख्यमंत्री ने LG को लिखी चिट्ठी: उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने एलजी अनिल बैजल को चिट्ठी लिखकर बताया कि बिना गेस्ट टीचर्स के 15 लाख बच्चों की एजुकेशनल जरूरतें पूरी नहीं हो पाएंगी। यह जानकारी करावल नगर के एक स्कूल की प्रिंसिपल माला रानी ने दी। उन्होंने बताया कि बिना गेस्ट टीचर्स के हमें एग्जाम बाहर कराने पड़ रहे हैं। इसके बावजूद हमें सरकार के आदेश का पालन भी करना है। रानी के मुताबिक, उनके स्कूल में 5 हजार बच्चों के लिए 28 परमानेंट टीचर्स हैं, जबकि 133 गेस्ट टीचर।

गेस्ट टीचर्स का क्या है कहना: रोहिणी स्थित एक स्कूल की गेस्ट टीचर शैलजा कुमारी का कहना है कि जिस दिन कॉन्ट्रैक्ट खत्म हुआ, उस दिन ही हम स्कूल के पूर्व कर्मचारी बन गए थे। ऐसे में हम पेपर्स क्यों चेक करें? क्या हमें इसके पैसा मिलेगा? पैसे के बारे में कोई बात नहीं करना चाहता है, लेकिन सब चाहते हैं कि हम काम करें।