दिल्ली सरकार अब नौकरशाही पर धीरे धीरे शिकंजा कसती जा रही है। दिल्ली सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव से लेकर प्रधान सचिव, सचिव स्तर के अधिकारियों को लेकर नया आदेश जारी हुआ है। इस आदेश के बाद अब इस रैंक के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के अधिकारियों को मनचाही छुट्टी नहीं मिलेगी। अगर छुट्टी लेनी भी हो तो इसके लिए पहले अपने संबंधित विभागीय मंत्री को बताना अनिवार्य होगा।

दिल्ली सरकार के सेवा विभाग ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है। आदेश में अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव के अलावा विभागाध्यक्ष को भी अपने संबंधित विभागीय मंत्री को पूर्व में बताना होगा कि उनको छुट्टी पर जाना है। आकस्मिक अवकाश के अलावा केजुअल छुट्टी लेने को आदेश का हिस्सा बनाया गया है। इस तरह की छुट्टी उनको लेनी है तो पहले अपने मंत्री को बताना जरूरी होगा। सक्षम प्राधिकारी के निर्देशों पर जारी आदेश के बाद अब नौकरशाही के लिए इनको मानना बाध्यता हो गई है।

केजरीवाल सरकार में भी हुआ था आदेश पारित

एक अधिकारी के मुताबिक, अभी तक इस स्तर के अधिकारियों के छुट्टी पर रहने के लिए अनुमति मुख्य सचिव से ली जाती रही है। मुख्य सचिव ही इसके लिए सक्षम प्राधिकारी होते हैं। नए आदेश के जारी होने के बाद अब संबंधित मंत्री की सहमति/संतुति लेना अनिवार्य होगा। हालांकि, इस तरह का एक आदेश पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी की सरकार में सेवाएं विभाग के मंत्री रहे सौरभ भारद्वाज की तरफ से भी जारी किया गया था जिस पर कोई खास अमल नहीं किया गया था।

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दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अक्सर मंत्रियों की अहम बैठकों या दौरे के समय कई वरिष्ठ आइएएस अधिकारी उपस्थित नहीं रहे। आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री और कई मंत्रियों की पिछले दिनों हुई कई बैठकों में वरिष्ठ अधिकारी जो विभागों की अहम जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं, वो नदारद (छुटृी) रहे। इसको गंभीरता से लेते हुए अब यह कदम उठाया गया है। बता दें कि सेवाएं विभाग की जिम्मेदारी भी मुख्यमंत्री संभाल रही हैं।