दिल्ली सरकार ने राजधानी की सड़कों पर स्वच्छ और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ‘दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल इंटरचेंज’ (DEVI) योजना के तहत 400 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये बसें खासतौर पर उन तंग और संकरी गलियों के लिए डिजाइन की गई हैं जहां बड़ी बसें आसानी से नहीं पहुंच पातीं।
सीएम ने कहा लोगों को प्रदूषण से मुक्त माहौल मिलेगा
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के लोग बधाई के पात्र हैं क्योंकि अब उन्हें न केवल बेहतर बल्कि प्रदूषण रहित परिवहन साधन मिलने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ये बसें पूरी तरह से इलेक्ट्रिक हैं, जिससे राजधानी में वाहनों से होने वाले प्रदूषण में बड़ी कमी आएगी। सरकार का लक्ष्य है कि अगले साल के अंत तक दिल्ली की सभी सार्वजनिक बसों को इलेक्ट्रिक में तब्दील कर दिया जाए।
रेखा गुप्ता ने बताया कि यह पहल केवल एक तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि एक साफ-सुथरे और टिकाऊ भविष्य की दिशा में मजबूत कदम है। इन नई बसों के आने से न केवल यातायात की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।
सरकार की योजना है कि आने वाले समय में हर क्षेत्र में इसी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जाए, जिससे दिल्ली एक मॉडल ग्रीन सिटी के रूप में उभरे। छोटे मार्गों पर इन बसों की सेवा से उन इलाकों को भी जोड़ने में मदद मिलेगी जो अब तक सार्वजनिक परिवहन से वंचित रहे हैं।
इस पूरी पहल का मकसद है कि दिल्ली के हर नागरिक को स्वच्छ, सुलभ और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिल सके, और राजधानी को एक प्रदूषण मुक्त शहर बनाया जा सके। परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इन बसों की लंबाई 9 मीटर है। बीजेपी सरकार ने इस सेवा को जल्द शुरू करने का फैसला किया था।
हालांकि यह अवधारणा पिछली केजरीवाल सरकार द्वारा संकरी सड़कों वाले घनी आबादी वाले क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों के लिए अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए प्रस्तावित की गई थी, जहां डीटीसी और क्लस्टर बसें प्रवेश नहीं कर सकती थीं या सर्विस फ्रिक्वेंसी कम थी। (PTI Input)