दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व व्याख्याता एसएआर गिलानी की जमानत अर्जी शुक्रवार 19 (फरवरी) को खारिज कर दी जिन पर यहां प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम के सिलसिले में राजद्रोह के आरोप में मामला दर्ज है। पुलिस ने आरोप लगाया कि सरकार के विरुद्ध नफरत पैदा की जा रही है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरविंदर सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद गिलानी की जमानत याचिका खारिज कर दी। गिलानी को 16 फरवरी को गिरफ्तार किया था और वह तीन मार्च तक न्यायिक हिरासत में हैं।

सुनवाई के दौरान पुलिस ने यह कहते हुए जमानत अर्जी का विरोध किया कि अपराध गंभीर है और ऐसी आशंका है कि जमानत पर रिहा किये जाने पर वह जांच का प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।

पुलिस के वकील ने यह भी आरोप लगाया कि भारत सरकार के खिलाफ भड़काने वाली बातें और नफरत पैदा की गयी हैं। इस कार्यक्रम का पूरा उद्देश्य भारत के लोगों के मन में देश के प्रति अविश्वास पैदा करना था। उन्होंने यह भी दावा किया कि गिलानी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं तथा जिस कांफ्रेंस हॉल में यह कार्यक्रम आयोजित किया था, उसकी बुकिंग में शामिल अन्य लोगों के ठिकाने के बारे में नहीं बता रहे हैं।