अरविंद केजरीवाल सरकार ने एक बार फिर मुख्‍य सचिव पर आरोप लगाया है। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि मुख्‍य सचिव ने मेटामिक्‍स कंपनी को बिना निवदा के आईएलबीएस अस्‍पताल के लिए एआई सॉफ़्टवेयर बनाने का काम दिलाया। आरोपों पर पलटवार करते हुए आईएलबीएस अस्‍पताल ने हन्‍हें पूरी तरह झूठा बताया। अस्‍पताल ने कहा कि इसके लिए वर्क ऑर्डर या भुगतान नहीं किया गया था।

बगैर टेंडर काम देने का लगाया आरोप

दिल्‍ली सरकार की सतर्कता मंत्री आतिशी ने शुक्रवार को बिना टेंडर के आईएलबीएस अस्‍पताल के लिए एआई सॉफ़्टवेयर बनाने का काम दिलाकर मुनाफा कमाने का आरोप लगाया है। सूत्रों के मुताबिक, आतिशी ने अस्‍पताल के लिए एआई सॉफ़्टवेयर बनाने का काम दिलवाने वाले मामले की प्राथमिक जांच रिपोर्ट मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेज दी है।

सतर्कता विभाग की 18 पन्‍नों की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जिस कंपनी को काम दिया गया उसमें मुख्‍य सचिव के बेटे भी शामिल हैं। कंपनी के प्रमोटर वही रिएलटी कंपनी समूह के मालिक हैं, जिनका नाम जमीन अधिग्रहण वाले मामले में आ चुका है, जिसके लिए मुख्‍य सचिव के बेटे काम करते हैं।

रिपोर्ट की मानें तो जमीन अधिग्रहण के बदले अधिक मुआवजे के मामले की शिकायत मिलने के बाद मुख्‍यमंत्री ने उन्‍हें जांच के आदेश दिए थे। वह उसकी जांच कर रही थी, उसी समय पता चला कि मुख्‍य सचिव के बेटे एक और आईटी कंपनी के संस्‍थापक निदेशक हैं। उस कंपनी को लेकर जांच की गई तो पता चला कि उस कंपनी के पास आईएलबीएस अस्‍पताल के लिए एआई सॉफ़्टवेयर बनाने का काम दिया गया है। जनवरी 2023 में अस्‍पताल व मेटामिक्‍स के बीच समझौता हुआ।

प्राथमिक जांच रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि मेटामिक्‍स नाम की जिस कंपनी को काम दिया गया, वह बीते साल मुख्‍य सचिव की नियुक्ति होने के बाद बनाई गई। कंपनी कुछ माह पुरानी थी और उसके पास सॉफ़्टवेयर या एआई टूल्‍स बनाने की कोई विशेषज्ञता नहीं है।

किसी भी तरह का भुगतान नहीं किया: आईएलबीएस

लीवर एवं पित्‍त विज्ञान संस्‍थान ( आईएलबीएस) ने बिना निवदा के मुख्‍य सचिव के बेटे को काम देने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।आईएलबीएस के मुताबिक, एआई सॉफ़्टवेयर कंपनी मेटामिक्‍स से एक शोध कार्य के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर हुए थे, लेकिन उसे कोई कार्य आदेश (वर्क ऑर्डर) या भुगतान नहीं किया गया है।

आईएलबीएस के ऑपरेशन प्रमुख ( नॉन मेडिकल) रिटायर्ड कर्नल लेफिटनेंट आरएस सिंह ने कहा कि मीडिया में प्रचारित खबरें गलत हैं। 24 जनवरी 2023 को एक समझौता मेटामिक्‍स के साथ हुआ। हालांकि, इसे लेकर भुगतान नहीं किया गया। यह समझौता गत 23 जुलाई 2023 को खत्‍म हो चुका है। यह प्रस्‍ताव मुख्‍य सचिव की अध्‍यक्षता वाली आईएलबीएस की गवर्निंग काउंसिल के सामने नहीं रखा गया था।