दिल्ली के विधायकों का वेतन करीब तीन गुना बढ़ जाएगा। यह प्रस्ताव दिल्ली विधानसभा में गुरुवार शाम दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पेश किया जो विपक्ष के विरोध के बावजूद सत्ता पक्ष के विधायकों ने पास कर दिया है। दिल्ली में इस समय विधायकों का वेतन करीब 88 हजार रुपए है। इस प्रस्ताव की सिफारिशों के बाद यह करीब दो लाख 10 हजार हो जाएगा।

दिल्ली के विधायकों का वेतन बढ़ाने की मांग काफी समय से आम आदमी पार्टी के विधायक कर रहे हैं। उसके लिए दिल्ली सरकार ने पीडीटी आचार्य कमेटी का गठन किया था। विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी पहले नवंबर 2011 में हुई थी। इस कमेटी ने महंगाई और दूसरी चीजों को ध्यान में रखकर बढ़ोतरी प्रस्तावित की। कमेटी की रपट के अनुसार, विधायकों के कार्यालय में लोग आए दिन किसी न किसी काम के लिए आते हैं। उनकी चाय-आवभगत वगैरह के लिए पहले 18 हजार रुपए मिलते थे, जो अब बढ़कर 50 हजार रुपए हो जाएंगे।

लोगों के लिए चिट्ठी वगैरह लिखने को दो अंशकालिक कर्मचारियों के वास्ते 30 हजार रुपए का प्रावधान था। यह बढ़कर 70 हजार रुपए के करीब हो जाएगा। विधायकों के मूल वेतन को 12 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए करने की सिफारिश की गई है। इसके साथ दफ्तर का किराया 25 हजार , दफ्तर के फर्नीचर और सामान खरीदने के लिए एक लाख , लैपटाप के लिए एक लाख, सालाना यात्रा के लिए तीन लाख रुपए शामिल हैं। पहले ही कार खरीदने के लिए मामूली ब्याज पर चार लाख रुपए का कर्ज मिलता था। अब उसे 12 लाख रुपए करने की सिफारिश की गई है।