दिल्ली-एनसीआर की हवा दिवाली से पहले ही जहरीली हो गई है। राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI रविवार शाम को 306 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। वहीं आनंद विहार, वजीरपुर, विवेक विहार, द्वारका और दिलशाद गार्डन जैसे इलाके ‘गंभीर’ स्थिति में पहुंच गए हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार में AQI 409, वजीरपुर में 364 और विवेक विहार में 351 दर्ज किया गया। दिल्ली की हवा में मौजूद प्रदूषक कण अब सामान्य से कई गुना अधिक हो गए हैं, जिससे सांस लेना भी मुश्किल होता जा रहा है।

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण लागू कर दिया है। इस चरण के तहत कोयला, लकड़ी और डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। निर्माण स्थलों पर निगरानी बढ़ाई गई है और सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव अनिवार्य किया गया है। दिल्ली सरकार ने नगर निगम और पीडब्ल्यूडी की टीमों को निर्देश दिया है कि प्रमुख सड़कों पर एंटी-स्मॉग गन और वाटर स्प्रिंकलर लगातार चलाए जाएं। सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने के भी आदेश दिए गए हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की यह स्थिति मौसम में बदलाव के कारण और बिगड़ सकती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, हवा की रफ्तार कम होने और तापमान गिरने से प्रदूषक कण ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं। रविवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 33.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 20.6 डिग्री दर्ज किया गया। विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दो-तीन दिनों में हवा की स्थिति और बिगड़ सकती है तथा दिवाली के बाद AQI “गंभीर” श्रेणी में जा सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को घर से कम निकलने और एन-95 मास्क का उपयोग करने की सलाह दी है। डॉक्टरों के अनुसार, दिल्ली की हवा में सांस लेना अब रोजाना कई सिगरेट पीने के बराबर है। इस प्रदूषण से अस्थमा, खांसी, फेफड़ों और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

पर्यावरणविदों का कहना है कि दिवाली पर पटाखों की रोक सिर्फ कागजों तक सीमित है, क्योंकि एनसीआर के कई हिस्सों में अब भी अवैध पटाखों की बिक्री जारी है। वहीं पंजाब और हरियाणा से आने वाली पराली का धुआं भी राजधानी की हवा को और जहरीला बना रहा है। इस सीजन में अब तक पराली जलाने के 1700 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए विंटर एक्शन प्लान लागू करने की घोषणा की है। इसके तहत “रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ” अभियान दोबारा शुरू किया जाएगा और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कड़ी कार्रवाई होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार के प्रयासों के साथ नागरिकों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी, वरना हर साल की तरह इस बार भी दिवाली के बाद दिल्ली एक बार फिर गैस चैंबर में बदल जाएगी।