निर्भय कुमार पांडेय
अलीपुर थाना क्षेत्र में गुरुवार शाम जिस वक्त कारखाने में भीषण आग लगी थी। उस वक्त कारखाने के आसपास रहने वाले लोगों के बीच डर का माहौल बना हुआ था। मजदूरों की चीख पुकार स्थानीय लोगों को सुनाई दे रही थी। आसपास रहने वाले लोग को घर के दरवाजे पर आग की लपटे पहुंच रही थी।
वहीं, दूसरी ओर कारखाने में रखे ड्रम से रसायन नालियों में बहने लगा और देखते ही देखते आग ने मकानों और दुकानों को अपने चपेट में ले लिया। इस आग की चपेट में कारखाना पूरी तरह से जल कर खाक हो गई। स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया कि समय पर खाली पड़े प्लाट से मिट्टी और निर्माणाधीन मकान के पास से रोड़ी डालकर नालियों में फैल रहे रसायन को रोका, जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली।
वहीं स्थानीय निवास सुरेंद्र कुमार ने बताया कि नलियों में आग की लपटों को देखकर एक बार तो ऐसा लगा कि आज बचना मुश्किल है। हालांकि, इस बीच दमकल के करीब दस से अधिक वाहन पहुंच गए थे और आग पर काबू पाने की जद्दोजहद में जुट गए थे। नशा मुक्ति केंद्र संचालक अनिल कुमार ने बताया कि स्थानीय पुलिस तो पहले पहुंच गई थी। पर दमकल को आने में अधिक वक्त लगा था। हादसे में जान गंवाने वाले अनिल ठाकुर अपने परिवार के साथ किराड़ी में रहते थे और पिछले चार-पांच साल से पेंट कारखाने में काम करते थे।
हर्ष ने बताया कि पिता से आग लगने से कुछ देर पहले ही बात हुई थी और कहा था कि घर का राशन खत्म हो गया है। वहीं, अनिल के भाई मदन ठाकुर ने बताया कि हादसा की सूचना मिलने के बाद वह जब मौके पर पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि अनिल आग की चपेट में आ गए हैं। हादसे में चपेट में आने वाले 11 लोगों के शव को पोस्टमार्टम करवाने के लिए बाबू जगजीवन राम अस्पताल में भेजा गया है।
मदन ने बताया कि वह सुबह करीब छह बजे आ गए थे। पर दोपहर करीब दो बजे तक उन्हें कागजी कार्रवाई करने की बात कह कर भाई को शिनाख्त करने के लिए नहीं कहा गया था। उन्होंने कहा कि भले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री ने मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है। वहीं हादसे में जान गंवाने वाले बृज किशोर मूलरूप से गोंडा उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और रिश्तेदार आशाराम के साथ किराए के मकान में कारखाने से चंद कदम की दूरी पर रहते थे।
आशा राम ने बताया कि वह इलाके में इंटरनेट का काम करता है। घटना के वक्त वह काम पर था, तभी उसने देखा कि उसके घर की ओर से धुंआ उठ रहा था, तभी उसके एक जानकार ने फोन कर बताया कि उसका रिश्तेदार बृज किशोर जिस कारखाने में काम करता था। उसमें भीषण आग लग गई है और वह अंदर फंस गया है। वह जब मौके पर पहुंचा तो स्थिति काफी भयावाह थी। बाद में बताया गया कि बृज किशोर की मौत हो गई।
आशाराम ने बताया कि उसके बड़े भाई की शादी आगामी 20 मार्च को थी, जिसकी तैयारी की जा रही थी। बृज किशोर का तबीयत पिछले कुछ दिनों ठीक नहीं थी। आशाराम ने उसे काम पर जाने से रोका था, लेकिन शादी के खर्च की बात कह कर वह काम करने चला गया था। यदि गुरुवार को वह काम पर नहीं जाता तो शायद उसकी जान बच जाती।
