राजधानी दिल्ली की खराब सड़कों को सरकार दिवाली से पहले दुरुस्त कराने की पुरजोर कोशिश में जुटी है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री सड़क पुनर्निर्माण योजना के तहत लगी ‘स्ट्रीट लाइटों’ के बिजली बिल का भुगतान नहीं किए जाने और इनके रखरखाव का जिम्मा संभालने वाले ठेकेदार का ठेका समाप्त होने का मामला भी सामने आया है। वहीं सरकार के पास सालों से लंबित बिजली बिल को भरने के लिए धनराशि नहीं है। इससे लग रहा है कि दिवाली पर राजधानी की सड़कें अंधेरे में रहेगी।

कई विभागों का पैसा बकाया है

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभागों के अंतर्गत आने वाली सड़कों पर लगे पथ प्रकाश के बिजली बिल का भुगतान नहीं किया गया है। इस मसले को लेकर पिछले दिनों शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज की अध्यक्षता में बैठक भी बुलाई गई थी। दिल्ली विधानसभा में हुई इस बैठक में शहरी विकास, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (Delhi Urban Shelter Improvement Board) और दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम के अलावा निजी बिजली वितरण कंपनी टाटा पावर-दिल्ली वितरण लिमिटेड के अधिकारी शामिल रहे थे।

31 जुलाई को खत्म हुआ था ठेका

टाटा पावर के अधिकारियों ने बताया था कि मुख्यमंत्री सड़क पुनर्निर्माण योजना के अंतर्गत लगाए गए पथ प्रकाश की मरम्मत करने को 3 साल का ठेका दिया गया था जोकि 31 जुलाई 2024 को खत्म हो गया है। इसलिए स्ट्रीट लाइट के मरम्मत अनुबंध को नवीनीकरण करना भी बाकी है। इस दौरान यह भी बात सामने आई कि स्ट्रीट लाइट को लगाने को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया को पूर्व में मंजूरी दी गई थी लेकिन मौजूदा वार्षिक मरम्मत अनुबंध अवधि के समाप्त होने के बाद भी अनुबंध का अभी नवीनीकरण नहीं किया जा सका है। इस पूरे मामले पर शहरी विकास मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि विभाग की तरफ से 3 साल के अनुबंध नवीनीकरण के लिए कैबिनेट नोट तैयार किया जाए।

निजी बिजली कंपनी टाटा पावर-दिल्ली वितरण लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि लंबे समय से दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड ने बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है। यह सितंबर 2022 से लंबित पड़ा हुआ है जोकि लगभग एक करोड़ रुपए है। मंत्री ने डूसिब के अधिकारियों से इसके कारणों को जाना कि आखिर बिल का भुगतान क्यों नहीं किया गया है।

अधिकारियों की ओर से बताया गया है कि डूसिब-राज्य प्रबंधन निधि मद में केवल 40 लाख रुपए ही हैं और पिछले दो साल से बजट भी नहीं मिला है। आधिकारिक सूत्रों की माने तो बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) ने भी शहरी विकास विभाग को 2 महीने के बकाया बिल के भुगतान करने को बिल भेज दिया है। बीआरपीएल ने अगस्त का 33,59,380 रुपए और सितंबर का बिल 34,35,917 रुपए का बिल भेजा है जोकि कुल 67,95,297 रुपए है।