देहरादून के सहस्रधारा में बादल फटने से भारी तबाही हो गई है। अब तक दो लोगों के लापता होने की खबर है और कई घरों और होटलों को नुकसान हुआ है। मौसम की मार ने उत्तराखंड में लोगों की जिंदगी काफी मुश्किल बना दी है, आने वाले दिनों में भी बारिश की संभावना है।

स्थानीय लोगों के मुताबिक देहरादून के एक मुख्य बाजार में बादल फटने के बाद काफी मलबा नीचे आ गया था, उसी वजह से कई होटलों को भारी ऋति पहुंची और दो से तीन लोग लापता हो गए। एक मार्केट में तो सात से आठ दुकानें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। इस बादल फटने की वजह से 100 के करीब लोग फंस भी गए थे जिन्हें काफी मशक्कत के बाद स्थानीय लोगों ने सुरक्षित बाहर निकाला।

अब मौसम विभाग का अनुमान है कि मंगलवार को उत्तराखंड से लेकर हिमाचल प्रदेश तक भारी बारिश होने वाली है, कई जिलों को लेकर तो रेड अलर्ट तक जारी किया गया है। ऐसे में लोगों को मौसम की इस मार से अभी राहत नहीं मिलने वाली है। मुंबई के कई इलाकों में भी भारी बारिश की वजह से लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हुआ है, लंबे ट्रैफिक जाम से भी जूझना पड़ रहा है।

क्या होता है Cloudburst?

बादल फटना भारी बारिश की गतिविधि को कहते हैं। हालांकि, बहुत भारी बारिश की सभी घटनाएं बादल फटना नहीं होतीं। बादल फटने की एक बहुत ही विशिष्ट परिभाषा है: लगभग 10 किमी x 10 किमी क्षेत्र में एक घंटे में 10 सेमी या उससे अधिक बारिश को बादल फटने की घटना के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इस परिभाषा के अनुसार, उसी क्षेत्र में आधे घंटे की अवधि में 5 सेमी बारिश को भी बादल फटने की श्रेणी में रखा जाएगा।

बादल फटने की घटना के दौरान, किसी स्थान पर एक घंटे के भीतर वार्षिक वर्षा का लगभग 10% वर्षा हो जाती है। औसतन, भारत में किसी भी स्थान पर एक साल में लगभग 116 सेमी वर्षा होने की उम्मीद की जा सकती है।

बादल फटना कितना आम है?

बादल फटना कोई असामान्य घटना नहीं है, खासकर मानसून के महीनों में। ये घटनाएं ज़्यादातर हिमालयी राज्यों में होती हैं जहां स्थानीय स्थलाकृति, विंड सिस्टम और निचले व ऊपरी वायुमंडल के बीच टेम्परेचर ग्रेडिएंट ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देते हैं।