पंजाब और दिल्ली में हुए एमसीडी चुनावों के बाद लगातार बिखर रही आम आदमी पार्टी में अंदरखाने यह चर्चा हो रही है कि पार्टी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमले बोलना भारी तो नहीं पड़ रहा। पार्टी के सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि एक व्यक्ति विशेष की जगह अब पार्टी मुद्दों पर फोकस करेगी और विपक्षी पार्टीयों को साथ जुटाने की कोशिश करेगी। सूत्रों ने कहा कि यह भी अहसास किया गया है कि पार्टी को दिल्ली पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। माना जा रहा है कि काफी मशक्कत किए जाने के बाद भी अब आम आदमी पार्टी गुजरात विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी।
बता दें कि एमसीडी चुनाव के बाद कई आम आदमी पार्टी नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ने का फैसला किया है और कुछ को पार्टी ने निष्कासित कर दिया है। हाल ही में मंत्री पद से हटाए गए कपिल मिश्रा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके अलावा आप विधायक अमानतुल्ला खान ने कुमार विश्वास को आरएसएस एजेंट बताया था।
हालांकि पार्टी लीडरशिप का मानना है कि चुनावों में मिली हार की एक वजह ईवीएम में गड़बड़ी भी रही है और इस मुद्दे को आगे भी उठाया जाता रहेगा। सूत्रों ने कहा कि यह भी माना जा रहा है कि पीएम पर निशाना साधना इसलिए भी नुकसान देने वाला रहा कि देश में ‘मोदी-समर्थक भावनाएं’ इतनी मजबूत हैं कि कोई आरोप टिक नहीं पाया। अरविंद केजरीवाल ने देशभर में रैलियां करके सहारा-बिरला मामले में पीएम मोदी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उस समय लोगों का सपोर्ट था, लेकिन उत्तर प्रदेश चुनावों के बाद चीजें बदल गई। एक सूत्र ने बताया कि हम जहां भी जाते थे तो पूछा जाता कि मोदी जी पर हमला क्यों किया जाता है। पार्टी फंड भी कम होता जा रहा है ऐसे में सिर्फ दिल्ली पर ही फोकस करने की जरूरत है।