भारत बंद, Bharat Bandh Today: पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों द्वारा आह्वान भारत बंद के दौरान कई जगहों पर जमकर तोड़फोड़ की गई। सड़कों पर टायर जला यातायात को बाधित किया गया। वाहनों को निशाना बनाया गया। ट्रेनें रोकी गई। बिहार के जहानाबाद जिले में बंद की वजह से बीमार बच्ची के समय पर अस्पताल न पहुंचने की वजह से मौत का मामला सामने आया है। इस मौत पर केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि आखिर इसका जिम्मेवार कौन है? वहीं, स्थानीय अधिकारी ने मौत का ठिकरा परिजनों पर ही फोड़ दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश के अन्य हिस्सों की तरह बिहार के जहानाबाद में भी बंद समर्थकों ने सड़क जाम कर यातायात बाधित कर दिया था। इसी दौरान दो साल की बच्ची की तबीयत खराब होने पर परिजन उसे लेकर जहानाबाद शहर स्थित सदर अस्पताल जा रहे थे। लेकिन बंद समर्थकों द्वारा सड़क जाम कर दिए जाने की वजह से उनकी गाड़ी को रोक दिया गया। गया जिले के मेन थाना क्षेत्र के वालाविगहा निवासी प्रमोद मांझी ने बताया, “मेरी बेटी गौरी कुमारी को डायरिया हो गया था और उसे डॉक्टर से दिखाने की जरुरत थी। हम उसे लेकर  जहानाबाद सदर अस्पताल आ रहे थे।अस्पताल जाने के दौरान कई जगहों पर बंद समर्थकों ने आॅटो को रोके रखा। हम बंद समर्थकों से जाने देने की गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने एक न सुनी। इसकी वजह से अस्पताल पहुंचने के पहले गौरी की मौत हो गई। यदि वे हमें जाने देते तो बच्ची की जान बच सकती थी।”

इस घटना के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पूछा कि इस घटना का जिम्मेदार कौन है? उन्होंने ट्वीट किया, “हर किसी को विरोध करने का अधिकार है लेकिन आज क्या हो रहा है? बसों में तोड़फोड़ की जा रही है। ट्रेनें रोक दी गई है। एंबुलेंस को नहीं रोका जाता, लेकिन बिहार के जहानाबाद में एंबुलेंस को रोक दिया गया। इस वजह से एक बच्ची की मौत हो गई। आखिर इस मौत के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या हिंसा के जरिए देश में राजनीति होगी? कांग्रेस को इसका जवाब देना चाहिए।” उन्होंने कहा कि पेट्रोल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से तय होती है। इसकी कीमत बढ़ने के पीछे सरकार की कोई भूमिका नहीं है। लेकिन कांग्रेस बंद के बहाने देश में भय का माहौल पैदा कर रही है।

वहीं, इस पूरे मसले पर जहानाबाद के एसडीओ परितोष कुमार ने कहा, “बच्ची की मौत ट्रैफिक जाम या भारत बंद की वजह से नहीं हुई है। परिजन ही घर से अस्पताल के लिए निकलने में देर हो गए थे।”