Shocking News From MP: मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसके बारे में जिसने भी सुना, उसने अपने दांतों तले उंगलियां ही दबा लीं। यहां एक मृत घोषित एक शख्स तेरहवीं के दिन वापस अपने घर लौट आया। मातम मना रहे शख्स के घर में खुशी का माहौल छा गया और लोगों ने शख्स के जिंदा होने पर राहत की सांस ली।

दरअसल, श्योपुर के एक गांव में तेरहवीं के दिन शख्स के लौटने पर लोग हैरान इसलिए हुए, क्योंकि उन्होंने 13 दिन पहले ही उसका अंतिम संस्कार किया था। शख्स का नाम सुरेंद्र शर्मा बताया जा रहा है। अब सामने आया है कि यह सब कुछ गलत पहचान के चलते हुआ है और परिजन ने सुरेंद्र शर्मा की गलत शिनाख्त की थी, जिसके चलते पुलिस ने उनके परिजन को किसी और का शव दे दिया था।

राजस्थान में हुआ था बड़ा एक्सीडेंट

जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले राजस्थान में एक सड़क हादसा हुआ था, जिसमें मृत व्यक्ति की पहचान श्योपुर के सुरेंद्र शर्मा के तौर उसेक परिजन ने की थी। इसके चलते पुलिस ने वह शव उनके परिजन को सौंप दिया था। अंतिम ससंक्रा के बाद 9 जून को सुरेंद्र शर्मा की तेरहवीं थीं लेकिन उसी दिन सुरेंद्र वापस घर लौट आया, जिसे देखकर उसके परिजन में खुशी की लहर दौड़ गई।

वहीं, कथित तौर ‘मृत सुरेंद्र’ के घर लौटने के बाद राजस्थान पुलिस ने धारा सिंह के रिश्तेदारों के साथ मंगलवार को उसका पार्थिव शरीर इकट्ठा किया। मृतक के परिजन ने अब नए सिरे से पहचान की तो पाया कि उसका नाम धारा सिंह था, जो कि राजस्थान के सवाई माधोपुर का रहने वाला था।

मृतक के परिजन ने लीं शव की अस्थियां

मंगलवार को मृतक के परिजन श्योपुर गांव पहुंचे और पार्थिव अवशेष एकत्र किए। धारा के परिजन गलत पहचान के आधार पर अंतिम संस्कार पर आपत्ति जता रहे हैं। इसके बाद मंगलवार को सूरवाल पुलिस मृतक के परिजन को लेकर आई। जानकारी के मुताबिक सुरवाल थाना प्रभारी लाल बहादुर ने मीडिया को बताया कि सुरेंद्र जयपुर में मजदूरी करता था। 26-27 मई की रात एक दुर्घटना में अज्ञात व्यक्ति घायल हो गया था जिसके बाद उसे जयपुर रेफर कर दिया था।

ऐसे मे इलाज के दौरान उस अज्ञात शख्स ने दम तोड़ दिया था, जिसके चलते पुलिस ने सामान्य प्रक्रिया के तहत गलत पहचान करते हुए उस अज्ञात शव को सुरेंद्र शर्मा समझकर उसे ले लिया और अंतिम संस्कार भी कर दिया। अब सामने आ रहा है कि सुरेंद्र जीवित थे बल्कि मृतक शख्स सवाई माधोपुर निवासी धारा सिंह थे, जिनके परिजन अब श्योपुर जाकर उनके अस्थियां ले गए हैं।