डीडीसीए मामलों में कथित अनियमितता की जांच के लिए पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से आईबी, सीबीआई और दिल्ली पुलिस से पांच-पांच अधिकारी उपलब्ध कराने को कहा है। यह कदम आप सरकार और केंद्र के बीच एक और टकराव की स्थिति पैदा करने वाला लगता है। दिल्ली सरकार द्वारा गठित जांच आयोग का नेतृत्व करने की पेशकश को स्वीकार करने वाले सुब्रमण्यम ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) को पत्र लिखकर उनसे मदद करने और डॉजियरों के साथ अधिकारियों को उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। भाजपा ने इस कदम को सस्ता प्रचार करार दिया।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुब्रमण्यम के पत्र का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें अपनी जांच के सिलसिले में कहीं से भी अधिकारियों के नाम सुझाने के लिए कहने का अधिकार है। सुब्रमण्यम ने केजरीवाल को भी पत्र लिखा है और उनसे भ्रष्टाचार निरोधक शाखा से पांच उत्कृष्ट जांच अधिकारियों के नाम सुझाने का आग्रह किया है।
पूर्व सॉलिसिटर जनरल ने केजरीवाल को बताया कि उन्होंने डोभाल को पत्र लिखा है क्योंकि केंद्र सरकार ने ही दिल्ली सरकार से डीडीसीए में कथित अनियमितता की जांच कराने को कहा था। वरिष्ठ वकील ने पत्र में लिखा, ‘‘जाहिर है कि इसका अर्थ है कि केंद्र सरकार इस संबंध में हर संभव मदद करेगी।’’
सुब्रमण्यम ने डोभाल को लिखे अपने पत्र में कहा कि कुछ खुलासे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े भी हो सकते हैं। उन्होंने लिखा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि मैं आपसे उपयुक्त पात्र अधिकारियों की पेशकश करने का आग्रह करूं जो आयोग की सहायता करने में नैतिक रूप से सक्षम हों।’’
पूर्व सालिसिटर जनरल ने डोभाल से संयुक्त निदेशक या इससे नीचे के स्तर के आईबी के पांच श्रेष्ठ अधिकारियों, सीबीआई से पांच अधिकारियों और दिल्ली पुलिस के पांच अधिकारियों के नाम सुझाने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी अन्य राज्य के कैडर से किसी भी अधिकारी को चुनने का अधिकार आपके विवेक पर छोड़ता हूं।’’
जाने-माने वकील ने कहा कि डोभाल से उनका यह आग्रह जांच प्रक्रिया का हिस्सा है जिसमें जांच शुरू करने से पहले उपयुक्त ढांचागत आधारभूत संरचना मांगने की बात कही गई है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी निजी कल्पना के आधार पर तय नहीं कर सकता कि जांच करने के लिए कौन व्यक्ति सक्षम हैं।’’
सुब्रमण्यम पर आप सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने केजरीवाल को संविधान का अध्ययन करने की सलाह दे डाली और आरोप लगाया कि उनके कई फैसले ‘असंवैधानिक’ रहे हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘‘डीडीसीए की जांच कराना दिल्ली सरकार के कानूनी दायरे में नहीं है। यह संस्था कंपनी अधिनियम के तहत सोसायटी के तौर पर दर्ज है। सुब्रमण्यम दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के इशारे पर इस तरह का नाटक कर रहे हैं, जो अंसवैधानिक फैसले लेते रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कुछ नहीं बल्कि उसके दुष्प्रचार का हिस्सा है। केजरीवाल को संविधान पढ़ना चाहिए ताकि वह उस ओर ध्यान केंद्रित कर सकें कि उनकी सरकार को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।’’
उपराज्यपाल नजीब जंग पहले ही जांच आयोग के गठन की वैधता पर सवाल खड़ा कर चुके हैं।