अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की जेएनयू की कथित देशद्रोही घटना के विरोध में आयोजित रैली में सैकड़ों की संख्या में छात्रों व युवाओं ने रामलीला मैदान से जंतर मंतर तक मार्च किया। ‘राष्ट्र-विरोधियों’ की निंदा के लिए एबीवीपी के सदस्यों और सैकड़ों समर्थकों ने कथित तौर से ‘देश-विरोधी’ नारे लगाने वाले जेएनयू के छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। मार्च में शामिल समर्थकों ने तिरंगा फहराते हुए ‘अगर हिंदुस्तान में रहना होगा, वंदे मातरम् कहना होगा’ जैसे नारे लगाए।
जेएनयू पर निशाना साधते हुए उन्होंने ‘ना मार्क्सवाद, ना माओवाद, सबसे ऊपर राष्ट्रवाद’ जैसे नारे भी लगाए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छात्र संगठन एबीवीपी के राष्ट्रीय महासचिव बिनय बिंद्रे ने नौ फरवरी को जेएनयू में हुए विवादास्पद घटना की निंदा की, जिसमें संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के विरोध में राष्ट्र-विरोधी नारेबाजी की गई।
प्रदर्शनकारी ‘हमारा जेएनयू-हमारा गौरव’ और ‘जेएनयू फॉर नेशनलिजम’ जैसे संदेशों वाले बैनर भी लिए थे। इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, संस्कृत विद्यापीठ, इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, आंबेडकर विश्वविद्यालय सहित कई शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों ने भाग किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के अनेक कॉलेजों के छात्रसंघ पदाधिकारियों ने इस रैली में भाग किया।
रामलीला से शुरू हुआ मार्च जंतर मंतर पर पूरा हुआ जहां छात्र नेताओं ने संबोधित किया। एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आंबेकर ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि हमारे उच्चकोटि के एक विश्वविद्यालय में भारत को टुकड़ों में तोड़ने के नारे लगते हैं और उसके बाद कई नेता वहां जाकर उन देशद्रोहियों का समर्थन करते हैं। वे अफजल गुरु के साथ खड़े हैं। हम इसकी निंदा करते हैं। एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री विनय बिद्रे ने कहा कि देश के युवा आज शहीदों के सम्मान में सड़कों पर उतरे हैं।