Eid-ul-Fitr 2019: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में स्थित इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम ने ईद के मद्देनजर एक फतवा जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि ईद के त्यौहार के दौरान एक-दूसरे से गले मिलना इस्लाम के हिसाब से ठीक नहीं है। इसके आलावा इसे मोहम्मद साहब के जीवन से हटकर बताया गया है। बता दें कि दारूल उलूम का यह फतवा अब लोगों में चर्चा का विषय बन गया है।
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पाकिस्तानी शख्स ने पूछा था सवाल: दरअसल, दारुल उलूम की खंडपीठ से पाकिस्तान के एक शख्स ने लिखित में सवाल पूछा था कि क्या ईद के दिन गले मिलना मोहम्मद साहब के अमल (जीवन में किए गए कार्यों) से साबित है। साथ ही यह भी पूछा गया कि अगर कोई गले मिलने के लिए आगे बढ़े तो क्या किया जाए? जिसके जवाब में मुफ्तियों ने अपने फतवे में कहा है कि अगर कोई ऐसा करता है तो उसे बड़ी ही विनम्रता से रोक देना चाहिए। लेकिन उस शख्स से गले मिलने में कोई हर्ज नहीं है, जिससे आपकी बहुत दिनों के बाद मुलाकात हुई हो।
विवाद न हो पैदा: दारुल उलूम की खंडपीठ ने फतवे में कहा कि अगर कोई गले मिलने के लिए आगे बढ़े तो उसे अदब के साथ मना कर दिया जाए और इस बात का ख्याल रखा जाए कि इस दौरान किसी भी तरह की लड़ाई झगड़े की स्थिति न पैदा हो। बता दें कि इस फतवे का उलेमाओं ने भी समर्थन किया है। गौरतलब है कि ईद से दो दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ यह फतवा चर्चा का विषय है।