आगरा में दलित विश्व हिंदू परिषद् नेता अरुण महौर की हत्या को लेकर बीजेपी के उग्र तेवर देखते हुए यूपी सरकार ने शुक्रवार को पार्टी की मृतक के परिवार को बढ़ाकर मुआवजा देने की मांग को मान लिया। बता दें कि महौर की कथित तौर पर कुछ मुस्लिम युवकों ने पिछले महीने हत्या कर दी थी। शहर में शुक्रवार को हुई एक रैली में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री और स्थानीय बीजेपी सांसद राम शंकर कठेरिया ने एलान किया कि ”प्रशासन ने हमारी सारी मांगें मान ली हैं।” बीजेपी ने मांग की थी कि मृतक के परिजनों को 45 लाख रुपए का मुआवजा और घर दिया जाए। पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए। गिरफ्तार सभी पांच आरोपियों के खिलाफ नेशनल सिक्युरिटी एक्ट के तहत कार्रवाई हो। इसके अलावा, बीजेपी और विहिप नेताओं के खिलाफ दर्ज उकसाऊ भाषण देने के सभी मामले वापस लिए जाएं। यूपी सरकार ने पहले महौर के परिवार को दस लाख रुपए का मुआवजा दिया था।
बता दें कि द इंडियन एक्सप्रेस ने खबर दी थी कि बीते महीने आगरा में हुई शोकसभा में संघ के कई नेताओं ने खुलेआम मुसलमानों की हत्या करने की बात कही थी। कठेरिया ने भी भीड़ से अपील की थी कि वे ऐसी ताकत दिखाएं कि ‘हत्यारे गायब हो जाएं’। कठेरिया ने शुक्रवार को एलान किया कि प्रशासन सभी केस वापस लेने के लिए तैयार हो गया है। कठेरिया अपने भाषण का भी बचाव करते नजर आए। उन्होंने कहा, ”मामला संसद में उठा था। उन्होंने कहा कि मंत्री ने भड़काऊ भाषण दिया। किसी की हत्या हो जाएगी, भड़काऊ भाषण नहीं दूंगा। एक दिन मेरे कांग्रेसी और कम्युनिस्ट मित्र गांधी (की मूर्ति) के सामने धरना देकर मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। मुझे पता लगा कि वे मेरे खिलाफ धरना दे रहे हैं। अरे दुष्टों, अगर तुम लोगों ने सही वजहों से भी धरना दिया होता तो कभी नहीं जीतते और संसद पहुंच पाते। तुम मेरा इस्तीफा चाहते हो?”
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