Sourav Roy Barman

बीते साल 2 अप्रैल, 2018 को एससी, एसटी अत्याचार निवारण कानून में बदलाव के बाद देशभर में हिंसा भड़क गई थी। दलित समुदाय के लोग इसके खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में इस दौरान सबसे ज्यादा हिंसा की घटनाएं हुई। इसी दौरान मध्य प्रदेश के ग्वालियर में दलितों के एक ग्रुप पर ऊंची जाति के लोगों ने हमला किया, जिसमें दीपक जाटव (22 साल) नाम के युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी। दीपक को गोली उस वक्त मारी गई, जब वह अपने पिता के चाय के खोखे पर खड़ा हुआ था। अब खबर आयी है कि दीपक को गोली मारने वाले 4 आरोपियों में से एक राजा सिंह चौहान ग्वालियर से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है। उत्तर प्रदेश के एक प्रभावशाली नेता की पार्टी ने राजा सिंह चौहान को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट देने की पेशकश की है।

प्रभावशाली परिवार से ताल्लुक रखता है आरोपीः दलित युवक की हत्या का आरोपी राजा सिंह चौहान इलाके के प्रभावशाली ठाकुर परिवार से ताल्लुक रखता है। हिंसा के दौरान राजा चौहान की तस्वीरें और वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर भी खूब देखे गए थे। चौहान प्याऊ इलाके के निवासी राजा सिंह चौहान ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव ने उसे ग्वालियर लोकसभा सीट से टिकट देने की पेशकश की है। साथ ही राजा ने चुनाव लड़ने की बात भी कही। राजा चौहान ने बताया कि प्रतापगढ़ के राजा भैया के साथ भी उनकी जान-पहचान है और उसके पिता जनसंघ के समय से भाजपा के साथ जुड़े रहे हैं। हिंसा की घटना पर राजा सिंह चौहान का कहना है कि “उन्होंने हम पर हमला किया था क्योंकि उन्हें लगा कि यदि वह एक प्रभावशाली परिवार को निशाना बनाएंगे तो इससे एक डर का माहौल बनेगा। हम क्षत्रिय हैं और जब हम पर हमला होता है हमे उसका जवाब देना होता है। हमने लाइसेंसी बंदूकों का इस्तेमाल किया, लेकिन किसी की हत्या नहीं की।”

पीड़ित परिवार ने मांगे बंदूक के लाइसेंसः वहीं आगामी चुनावों को देखते हुए और ग्वालियर से राजा सिंह चौहान की संभावित उम्मीदवारी के चलते हिंसा के दौरान मारे गए दीपक के परिजनों ने 5 बंदूक के लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। साथ ही इलाके के कई अन्य लोगों ने भी आत्मरक्षा के लिए बंदूक के लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। दीपक के पिता मोहन जाटव का कहना है कि ‘हिंसा की घटना के बाद प्रभावशाली ठाकुरों ने मेरी दुकान से चाय नहीं पीने का फरमान जारी कर दिया। इसके बाद लोग आना बंद हो गए और बाद में दुकान बंद करनी पड़ी।’ बता दें कि दीपक की हत्या के आरोप में पुलिस ने 8 माह पहले ही चार्जशीट दाखिल कर दी थी। फिलहाल मुकदमा चल रहा है और सभी आरोपी जमानत पर जेल से बाहर हैं। मंगलवार को बीते साल हुई हिंसा को एक साल पूरा हो गया था। इसलिए पुलिस प्रशासन ने एहतियातन इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की थी।